भोपाल : 06/03/2024 : दरअसल नगर-निगम की बिल्डिंग परमिशन शाखा के प्रभारी का पदनाम चीफ सिटी प्लानर है, लेकिन उनका काम बिल्डिंग परमिशन जारी करने तक ही सीमित है | बल्कि निजी आर्किटेक्ट को बिल्डिंग परमिशन के अधिकार मिलने के बाद बिल्डिंग परमिशन शाखा में कार्यरत सहायक यंत्री स्तर के सिटी प्लानर के अधिकार तो आर्किटेक्ट से भी कम रह गए हैं | चीफ सिटी प्लानर टीएंडसीपी से प्रतिनियुक्ति पर नगर-निगम में जाते हैं | इस व्यवस्था में एक खामी यह भी है कि इंदौर और भोपाल जैसे बड़े शहरों के नगर-निगम में चीफ सिटी प्लानर और अन्य इंजीनियरों को अलग-अलग अधिकार हैं | इंदौर में 2022 से सहायक यंत्री स्तर के अफसरों को बिल्डिंग ऑफिसर बनाकर उन्हें बिल्डिंग परमिशन का अधिकार दे दिया और वहां पिछले दो साल से टीएंडसीपी के अफसर नहीं थे | हाल ही में भोपाल के चीफ सिटी प्लानर रहे नीरज आनंद लिखार का इंदौर तबादला हो गया है और उनके पास कोई काम नहीं है | दूसरी तरफ भोपाल में इंदौर से सहायक यंत्री पवन गोयल को चीफ सिटी प्लानर पदस्थ किया गया है | उनकी पदस्थापना के बाद से भोपाल के सहायक यंत्री नाराज हैं | उनका कहना है कि उनसे जूनियर व्यक्ति को अधिक अधिकार देकर उनके ऊपर पदस्थ कर दिया गया है | मामला कलियासोत नदी के 33 मीटर दायरे के अतिक्रमणों पर निर्णय के लिए गठित हाई पावर कमेटी से संबंधित है | लिखार कमेटी के मेंबर सेक्रेटरी थे | गोयल ने गुरुवार को होने वाली कमेटी की बैठक का सूचना पत्र जारी किया तो लिखार ने आपत्ति जताई | लिखार ने कहा कि कमेटी गठन के आदेश में सीसीपी को सदस्य सचिव बनाया गया है और गोयल सीसीपी नहीं सीपी हैं | हाई पावर कमेटी का जो आदेश जारी हुआ था, उसमें सुधार कराकर सीपी को सदस्य सचिव बनाना होगा | हालांकि इस संबंध में सीपी गोयल का कहना है कि मैंने तो सदस्यों को सूचना भेजी है, बैठक तो टीएंडसीपी के ज्वाइंट डायरेक्टर लेवल के अधिकारी ही लेंगे | ऐसे में सूचना पत्र जारी करने में कुछ गलत नहीं है |
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