भोपाल : 12/03/2024 : नई आवंटन नीति 2020 के बाद से अब तक राजधानी में सरकारी विभागों और निजी संस्थाओं ने यूनिवर्सिटी खोलने, मेट्रो लाइन बिछाने, विभागीय दफ्तर खोलने, थाना और पीएम आवास बनाने के नाम पर खूब ज़मीनें लीं, लेकिन इनका उपयोग नहीं किया गया अब जिला प्रशासन इन ज़मीनों को वापस लेने की कवायद कर रहा है | जिला प्रशासन ने बीते एक साल में 4 से अधिक सरकारी विभागों और निजी संस्थाओं को दी गई ज़मीनों से अतिक्रमण भी हटाए हैं | राजीव गांधी ग्रामोद्दोग मिशन लेदर कॉम्प्लेक्स के नाम पर 200 एकड़ जमीन दी गई थी | करीब 11 करोड़ रु. की 30 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे हो गए | दो महीने पहले यहां 40 से अधिक पक्के निर्माण तोड़े गए | ग्राम सेवनिया गोंड में 20 एकड़ जमीन बंबई के गोकुलदास को लीज पर दी गई थी, लीज शर्तों का उल्लंघन होने पर प्रशासन ने जमीन से कब्जा हटाकर उसे वापस ले लिया | जमीन की कीमत करीब 350 करोड़ रु. है | प्रशासन ने अभी दो संस्थानों से जमीन वापस ले ली, जबकि एक ने जमीन वापसी के लिए आवेदन सौंपा है | आरा मशीनों के विस्थापन के लिए जिला प्रशासन ने सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्दम विभाग को अचारपुरा के चांदपुर में 30 एकड़ जमीन दी थी | शिफ्टिंग तो हो नहीं पाई लेकिन जमीन पर अवैध कब्जे हो गए | जिला प्रशासन ने ये जमीन वापस मांगी है | आरा मशीनों के लिए चौथी बार नई जमीन एयरपोर्ट रोड पर दी गई थी | अब तक चार साल में 57 सरकारी ज़मीनें सरकारी महकमों और प्राइवेट सेक्टर को दी गई हैं, लेकिन इन ज़मीनों पर प्रोजेक्ट तो लगे नहीं उल्टे कब्जे हो गए इसलिए प्रशासन अब इन्हें वापस ले रहा है |
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