भोपाल : 15/03/2024 : वीवीआईपी और प्रधानमंत्री की विजिट के दौरान पुलिस बल को सबसे अधिक सावधान रहना पड़ता है, राजधानी में सबसे अधिक वीवीआईपी विजिट होती है | लेकिन यहां पुलिस का वायरलेस सिस्टम अब तक आधुनिक नहीं हो पाया है यानि यह जुगाड़ से चल रहा है | टंकिंग सिस्टम वाला वायरलेस कभी भी खराब होकर फेल सॉफ्ट मोड पर चलने लगता है | इसमें सारे चैनल एक साथ जुड़ जाते हैं | पुलिस एक दूसरे तक मैसेज नहीं कर पाती है | वायरलेस सिस्टम पर इतना भी गैप नहीं मिलता कि अफसर अपना मैसेज बोल सकें, सबसे अधिक परेशानी नेटवर्क की होती है | थानों में नेटवर्क नहीं मिलता, थाना प्रभारी अपने रूम से बाहर निकलकर सेट पर बात कर पाते हैं | सबसे ज़्यादा परेशानी वीवीआईपी विजिट और लॉं एंड ऑर्डर की स्थिति के दौरान आती है | विस चुनाव के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विजिट के दौरान सिस्टम ठप हो गया था | जब श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का कार्यक्रम था | उसके एक दिन पहले भी पूरा सिस्टम बंद हो गया था | दरअसल 6 से 7 साल तक की लाइफ वाला यह सिस्टम 18 साल पूरे कर चुका है | यदि इसको जल्द नहीं बदला गया तो बड़ी चूक हो सकती है | कंपनी ने अब इसे बनाना ही बंद कर दिया है, इस कारण सिस्टम का मेंटेनेंस नहीं हो पा रहा है | कुछ महीने पहले इंदौर का वायरलेस सिस्टम बदल दिया गया था, वहां नए डिजिटल सिस्टम ने काम करना शुरू कर दिया है | अफसरों का कहना है कि जो सिस्टम इंदौर से हटाया गया है उसके पार्ट से भोपाल के सिस्टम को चलाने की कोशिश की जा रही है | भोपाल में डिजिटल वायरलेस सिस्टम के लिए दूरसंचार मुख्यालय पांच बार टेंडर जारी कर चुका है | अब छटी बार टेंडर जारी हुआ है यह टेंडर लगभग 25 करोड़ रु. का है | डिजिटल सिस्टम में आवाज़ की क्वालिटी अच्छी होती है | सेट पर एक दूसरे से बात स्पष्ट समझ आती है | इसमें नेटवर्क की समस्या नहीं होती, इसको हैक नहीं किया जा सकता | वर्तमान में डिजिटल सिस्टम ही हर जगह काम कर रहे हैं |
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