नई दिल्ली : 16/03/2024 : चुनावी चंदे को लेकर कई बड़े खुलासे हुए हैं, कई कंपनियाँ ऐसी हैं, जिन्होने मुनाफे से कई गुना अधिक का चुनावी चंदा दिया है | कोलकाता की कंपनी मदनलाल लिमिटेड ने 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले दो बार में 182.5 करोड़ रु. के बॉन्ड खरीदे जबकि इस दौरान उसका शुद्ध लाभ महज 1.81 करोड़ रु. था | ऐसी ही कई और कंपनियों ने अपने शुद्ध मुनाफे की तुलना में कई गुना अधिक चुनावी चंदा दिया | सबसे अधिक चंदा देने वाली कंपनियों में से 14 कंपनियाँ ऐसी हैं, जिन पर केंद्रीय या राज्य जांच एजेंसियों की कार्रवाई हुई | कुल मिलाकर ऐसी 30 कंपनियाँ हैं, जिन्होने छापेमारी के तुरंत बाद मोटा चुनावी चंदा दिया | डीएलएफ कमर्शियल ने 30 करोड़ रु. का चंदा दिया, भूमि आवंटन में अनियमितताओं पर जनवरी 2019 में सीबीआई ने कंपनी पर छापा मारा था | कई कंपनियों के तो रिकॉर्ड ही अपडेट नहीं हैं, अभिजीत मित्रा ने 4.25 करोड़ रु. के बॉन्ड खरीदे, इनके नाम पर कोलकाता में सीरॉक इंफ्रा प्रोजेक्ट नामक कंपनी पंजीकृत है | कुल शेयर पूंजी 6.40 लाख रु. है, दो साल से कोई अपडेट नहीं | हैदराबाद की कंपनी ने मेहुल चौकसी की कंपनी एपी जेम्स- ज्वेलरी खरीदी | अनिल शेट्टी की कंपनी ने 10 करोड़ रु. चंदा दिया | इधर इलेक्टोराल बॉन्ड की अधूरी जानकारी देने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई | कोर्ट ने एसबीआई से कहा कि बॉन्ड की पूरी जानकारी देना आपकी ड्यूटी है, आपने यूनिक अल्फा- न्यूमेरिक कोड का खुलासा क्यों नहीं किया है ? बैंक से 18 मार्च तक जवाब मांगा है | वहीं अमित शाह ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड का रुपया काला धन नहीं यह खाते में दिखता है | शुक्रवार को एक कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा कि सबसे बड़ी पार्टी, सबसे ज़्यादा सांसद सबसे ज़्यादा राज्यों में सरकार के बाद भी भाजपा को मिला चंदा बाकी पार्टियों को मिले चंदे के अनुपात में कम है | विपक्ष के आरोपों पर शाह ने कहा कि भ्रष्टाचार में जेल जा रहे लोग भाजपा से हिसाब पूछ रहे हैं | शाह ने कहा कि चंदे में गोपनियता तो तब होती है जब कैश से लिया जाता था | कांग्रेस के लोग पार्टी के नाम से 1100 रु. लेते थे, और हज़ार रु. घर में रख लेते थे | बॉन्ड अगर 1100 का लेते हो तो पूरे पार्टी में जमा होते हैं | यह एक परसेप्शन चलाया जा रहा है कि इलेक्टोरल बॉन्ड से भाजपा को बड़ा फायदा हुआ है, क्योंकि भाजपा पावर में है |
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