भोपाल : 19/03/2024 : 5 गांवों के 4 हज़ार से अधिक लोगों के लिए आदमपुर खंती मुसीबत बन गई है | यहां कचरा डंप होने से हवा और पानी दूषित हो रहा है खेतों की मिट्टी की उत्पादन क्षमता घट रही है | यह नगर-निगम की लापरवाही के कारण हो रहा है | दरअसल निगम ने आदमपुर छावनी में कचरा खंती तो बना दी, लेकिन इसके लिए ज़रूरी व्यवस्था नहीं की गई | जहां खंती बनाई वहां सीसी बेस नहीं बनाया गया | बेस बनाना तो दूर वहां समतलीकरण भी नहीं किया गया | नाली का निर्माण नहीं किया चारों तरफ लीचेट बह रहा है | 16 फीट ऊंची बाउंड्री वॉल बनाने के बजाय महज 10 फीट ऊंची बाउंड्री बनाई जिससे कचरा उड़कर फेल रहा है | निगम की ओर से की गई अधूरी व्यवस्था के कारण रहवासियों का जीना दूभर होता जा रहा है | रहवासियों का कहना है कि हैंडपंप का पानी पीना तो दूर बर्तन कपड़े धोने के उपयोग लायक भी नहीं है | इससे हाथों में खुजली होने लगती है, कपड़े धोने पर उनमें से बदबू आती है | निगम का टेंकर आता है उसका पानी भरकर रखते हैं पीने के लिए | कचरा खंती से इतनी पन्नियां उड़कर खेतों में जा रही हैं कि उसे बीन पाना भी मुश्किल हो गया है | इसके कारण खेतों से होने वाली पैदावार भी घटने लगी है | लेकिन परेशानी सुनने और निराकरण करने वाला कोई नहीं है | रहवासियों का कहना है कि गाँव से उत्तर की दिशा में कचरा खंती है जिस दिन उत्तरी हवा चलती है बदबू के कारण सांस लेना भी दूभर हो जाता है | गाँव और खेतों में बड़े आकार की मक्खी और कई तरह के नए कीड़े आ गए हैं, जो फसलों पौधों आदि को हानि पहुंचा रहे हैं | लेकिन रहवासियों की इन समस्याओं का निराकरण करने कोई नहीं आता | पिछले दिनों याचिका लगी तो एनजीटी ने निगम पर 1 करोड़ 80 लाख रु. का जुर्माना लगाया था | निगम सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, और जुर्माना माफ करने क लिए अपील की, सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स के पालन की रिपोर्ट मांगी | निगम ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि नियमों का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है | अब इस मामले में हकीकत जानने के लिए कोर्ट ने याचिकाकर्ता डॉ. एससी पांडे से जवाब तलब किया है |
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