नई दिल्ली : 21/03/2024 : 2 नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड की वैधानिकता पर फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था | फिर भी 2024 के दौरान 8 हज़ार 350 बॉन्ड छापे गए थे | इसमें हर बॉन्ड एक करोड़ रु. का था, पूर्व नौसेना अधिकारी और ट्रांसपेरेंसी एक्टिविस्ट लोकेश बत्रा की आरटीआई के जवाब में एसबीआई ने यह जानकारी दी | गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को गुरुवार शाम 5 बजे तक इलेक्टोरल बॉन्ड की पूरी जानकारी देने के आदेश दिए थे | इसमें हर बॉन्ड का अल्फ़ान्यूमेरिक नंबर और सीरियल नंबर, खरीद की तारीख और राशि सहित सभी जानकारियां शामिल होंगी | कोर्ट ने एसबीआई से हलफनामा देने को भी कहा जिसमें वो कहे कि हमने कुछ नहीं छिपाया | दरअसल बत्रा की एक अन्य आरटीआई में उजागर हुआ है कि इलेक्टोरल बॉन्ड की छपाई और इनकी व्यवस्था का खर्च करदाताओं को उठाना पड़ा था | बॉन्ड जारी करने वाले एसबीआई ने 2018 से 2023 तक सरकार से छपाई और व्यवस्था के खर्च के नाम पर 13.50 करोड़ रु. वसूले थे | उसके बाद जो 8 हज़ार 350 बॉन्ड छापे गए हैं उनके खर्च के बारे में अभी कोई जानकरी नहीं दी गई है |
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