भोपाल : 22/03/2024 : शहर में 12 हज़ार की घनी आबादी के बीच गैस सिलेंडर गोदाम बनाने के लिए जब प्रशासन से एनओसी मिली थी तब इनके आसपास बस्तियां नहीं थीं | लेकिन पिछले तीन दशक में शहर की आबादी बढ़ने के साथ ही इन गोदामों के आसपास सघन बस्तियां बन गई हैं | गुफा मंदिर के पास घनी आबादी के बीच तीन कंपनियों के गैस गोदाम चल रहे हैं, जो आम जनता के लिए कभी भी जनहानि का कारण बन सकते हैं | दरअसल यहां कभी किसी भी कारण से आग लगने की घटना घटती है तो आग को काबू करना बेहद दुश्वार हो जाएगा | क्योंकि जगह संकरी होने के कारण एक साथ दमकलें अंदर नहीं जा पाएंगी और आसपास सघन इलाका होने के कारण जानमाल का भी भारी नुकसान हो सकता है | शहर के कई इलाकों में 9 से अधिक गैस सिलेंडर घनी आबादी के बीच मौजूद हैं | ममता एजेंसी के पास सारा एजेंसी के गोदाम की क्षमता 800 किग्रा है, एजेंसी के गोदामों से कर्मचारी गैस सिलेंडर को ट्रक में लोड करते हैं | लालघाटी स्थित एसबीएस गोदाम की क्षमता 1200 किग्रा है, गोदाम के ठीक पीछे और बगल में पक्के निर्माण कार्य हो गए हैं | सामने भी निर्माण चल रहा है कर्मचारियों ने बताया कि हरदा हादसे के बाद जिला प्रशासन के अधिकारी यहां का जायजा लेने पहुंचे, तो यहां सुरक्षा के कोई इंतेजाम नहीं मिले | शहर के लालघाटी, नारियल खेड़ा, छोला, नीलबड़, भैंसाखेड़ी, सिक्योरिटी लाइन, बैरागढ़ चीचली और बागमुगालिया की सघन बस्तियों के आसपास गैस सिलेंडर के गोदाम बिना सुरक्षा व्यवस्था के चल रहे हैं | यहां कर्मचारी बिना सुरक्षा के काम करते पाए गए, भारी संख्या में गैस सिलेंडर रखे होने के बाद भी सुरक्षा के पर्याप्त इंतेजाम नहीं दिखे | महज शॉर्ट सर्किट और शुरुआती आग को कंट्रोल करने के लिए छोटे अग्निशामक मौजूद रखे मिले | रेत से भरी 5-6 बाल्टियों के अलावा आग से बचने और उस पर काबू पाने के लिए किसी भी तरह की कोई सुरक्षा व्यवस्था एक भी गोडाउन में नहीं मिली |
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