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रिटायर जीएम की मौत के 7 साल बाद भी पत्नी को नहीं मिल रहा पेंशन का लाभ |

भोपाल : चर्म विकास निगम के रिटायर जीएम की मौत के 7 साल बाद भी उनकी पत्नी को पेंशन नहीं मिल रही है भोजपुर रोड स्थित ग्रीन मेडोस कॉलोनी में रहने वाली सरोज तिवारी ने बताया कि 2001 में चर्म विकास निगम को बंद कर खादी बोर्ड में मर्ज कर दिया गया | साथ ही तिवारी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई, लेकिन इसके बाद दस्तावेज़ गुम हो जाने की बात कहकर उन्हें कभी पेंशन नहीं दी गई है | इस मामले में तिवारी न्यायालय चले गए जहां से न्यायालय ने उनके पक्ष में फ़ैसला देते हुए खादी बोर्ड को पेंशन देने के लिए कहा | इसके बाद भी उन्हें विभाग द्वारा पेंशन नहीं दी गई | खादी बोर्ड द्वारा पेंशन न देने का कारण उनके सर्विस डॉक्यूमेंट्स उपलब्ध न होना बताया गया | खादी बोर्ड की जानकारी के बाद अभिलेख संचालनालय में भी उनके सर्विस डॉक्यूमेंट्स खोजे गए, लेकिन वहां भी तिवारी के दस्तावेज़ न मिलने से पेंशन का मामला अटका हुआ है | सरोज तिवारी ने बताया कि 2016 में पति न्यायालय से केस जीतकर आए और दो सप्ताह बाद उनकी मृत्यु हो गई इसके बाद से ही वे लगातार आर्थिक तंगी झेलती आ रही हैं पति की मौत के बाद उन्हें बोर्ड से न तो पेंशन मिली है और न ही किसी अन्य राशि का भुगतान हुआ है | इस मामले में आयुक्त हाथकरघा एवं हस्तशिल्प शासन स्तर पर तिवारी के दस्तावेज ढूंढने के लिए प्रमुख सचिव कुटीर एवं ग्रामोद्दोग विभाग को दिसंबर 2022 में पत्र लिख चुके हैं, लेकिन 15 महीने बाद भी मामले का कोई समाधान नहीं हुआ है |

 

 

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सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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