भोपाल : : 02/04/2024 : कर्मकार मंडल घोटाले में जांच कमेटी की रिपोर्ट जारी हुए 22 दिन बीत चुके हैं, 18 दिन पहले दोषी जेडओ के खिलाफ आरोप पत्र भी जारी किए जा चुके हैं | बावजूद इसके उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है | निगम प्रशासन की यह लेटलतीफी कई सवालों को जन्म दे रही है | आखिर जब जेडओ के खिलाफ सारे सबूत मिल गए हैं तो फिर कार्रवाई में देरी क्यों ? जांच रिपोर्ट मिलने के बाद 15 मार्च को ही प्रभारी कमिश्नर वीएस चौधरी कोलसानी आरोप पत्र जारी कर चुके थे | इसके बाद भी ज़ोनल अधिकारियों को आरोप पत्र क्यों नहीं भेजे गए ? 118 संदिग्ध फाइलों से जुड़े 2.36 करोड़ रु. के घोटाले में अभी तक महज 3 ज़ोनल अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, जबकि पहले से सस्पेंड 6 ज़ोनल अधिकारियों को आरोप पत्र तक नहीं दिए गए | निगम के अधिकारी ही सभी के आरोप पत्रों को अपने पास दबाकर बैठे हुए हैं | जो 18 दिन बाद भी जारी नहीं हुए थे | ऐसा करके खुद निगम के अधिकारी ही सभी दोषियों को बचाने में जुटे हैं | यही कारण है कि अब तक एक पर भी एफआईआर दर्ज नहीं हो पाई है | निगम के अफसर थाने में आवेदन देकर अपनी खानापूर्ति कर चुके हैं | जबकि पुलिस अब तक घोटाले से जुड़े दस्तावेज़ नहीं मिलने की बात कहकर मामला दर्ज नहीं कर रही थी | नगर-निगम के अधिकारी तो किसी भी दोषी जेडओ को आरोप पत्र थमाने के बजाय उनसे वसूली कराकर वाहवाही लूटना चाहते हैं | बीते 8 दिनों से सभी दोषी ज़ोनल अधिकारियों को वसूली करने के लिए निर्देश दे दिये गए हैं | गुपचुप तरीके से फर्जी भुगतान पाने वालों से वसूली कराकर निगम के अफसर सभी को क्लीन चिट देना चाहते हैं | इसी आस में अधिकांश जेडओ फर्जी खातों में हुए 2 लाख 6 हज़ार रु. का भुगतान करने में शिद्दत से जुटे हुए हैं | किसी ने तो वसूली करा भी दी, इधर निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण का कहना है कि वसूली कराने से कोई भी दोष मुक्त नहीं होगा | दोषियों पर कानूनी कार्रवाई तो होगी ही |
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