भोपाल : 05/04/2024 : भोपाल मेट्रो के लिए करीब 45 करोड़ रु. खर्च करके बनाया गया एमपी नगर मेट्रो स्टेशन की ऊंचाई महज 4.5 मीटर है | इंजीनियरों की इतनी बड़ी लापरवाही के कारण अब यहाँ से गुजरने वाले बड़े वाहन जैसे डंपर, ट्राले आदि गुजरने पर वह फंस जाएंगे क्योंकि उनकी ऊंचाई 4.75 से 5 मीटर तक होती है | इस स्टेशन को बनाने के दौरान मेट्रो की सिविल और डिजाइन टीम ने यहाँ जमीन की ढलान का ध्यान नहीं रखा | एम्स से करोंद के बीच ऑरेंज ट्रैक पर फिलहाल सबसे पहले सुभाष नगर से एम्स के बीच ही मेट्रो चलाने का टारगेट तय किया गया है | एम्स स्टेशन को इस ट्रैक का जीरों पॉइंट माना गया है | एम्स की तरफ से आ रहा एलिवेटेड मेट्रो ट्रैक हबीबगंज नाके से रेलवे ट्रैक को पार कर रहा है | नियमानुसार यह जीरो ग्रेड पर यानि समानांतर ही बनाया है | यहाँ से सुभाष नगर की ओर घूमे ट्रैक को जमीन की चढ़ाई और ढलान के आधार पर बनाया गया है | इसमें आरकेएमपी और डीबी सिटी स्टेशन की ऊंचाई तो 5.5 मीटर रही, लेकिन एमपी नगर स्टेशन में ढलान का ध्यान ही नहीं रखा गया | अब यदि साढ़े 5 मीटर की हाइट को मेंटेन करना है तो सड़क खोदनी पड़ेगी | लेकिन ऐसा किया तो बारिश में पानी जमा होगा | मेट्रो रेल कंपनी के एमडी सीबी चक्रवती का कहना है कि मेट्रो के ट्रैक की ऊंचाई पहले से फिक्स थी, क्योंकि इसका टेंडर पहले हुआ था, स्टेशन का कांट्रैक्ट बाद में हुआ इसलिए ये तकनीकी गड़बड़ी हुई है | अब इसमें सुधार के लिए यदि स्टेशन के नीचे की सड़क खोदी जाए तो डेढ़ मीटर गहरी करनी होगी |आधा मीटर तक लेवलिंग होगी, लेकिन यहां कितना भी अच्छा ड्रेनेज सिस्टम लगवा लें, बरसात में दिक्कत तो आएगी ही ये परेशानी 5-10 साल बाद तब और बढ़ेगी जब डामरीकरण से रोड ऊंची हो | लेकिन दिक्कत ये है कि यदि ऐसा करते हैं तो मेट्रो को करीब 4 करोड़ रु. अतिरिक्त खर्च करने होंगे | अब इसका हल यही है कि यहां मौजूदा सड़क को करीब दो फीट तक गाहरा किया जाए, इससे यहां से बड़े वाहन भी आसानी से गुज़र सकेंगे |
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