इंदौर : 05/04/2024 : इंदौर में चलती एक्टिवा में फांसी लगने का ये संभवत: पहला मामला सामने आया है जब वाहन की टक्कर से घायल न होकर एक्टिवा के हैंडल में आईकार्ड फंसने से छात्रा का दम घुट गया | उमंग पार्क कॉलोनी निवासी 19 वर्षीय शैजल पिता राकेश जाटिया फर्स्ट ईयर की छात्रा थी और डॉक्टर बनने के लिए वह नीट की तैयारी भी कर रही थी | वह प्राइवेट नौकरी करती थी उसके परिवार में माता-पिता के अलावा दो बहन और एक भाई है | पिता उज्जैन ईओडब्ल्यू ऑफिस में कांस्टेबल हैं | शैजल गुरुवार सुबह के समय होलकर कॉलेज जा रही थी तभी छोटा बांगड़दा में करीब 10:30 बजे के समय सामने से आ रहे ई- रिक्शा से उसकी टक्कर हो गई | रास्ते से गुज़र रहे गिरीश देवड़ा ने बताया कि मैं अपनी बेटी को कॉलेज छोड़ने जा रहा था शैजल हमारे पीछे चल रही थी उसने गले में आईकार्ड पहन रखा था | सामने से आ रहे ई- रिक्शा से एक्टिवा को टक्कर लगी टक्कर के बाद रिक्शा आगे बढ़ा इसी दौरान शैजल का आईकार्ड एक्टिवा के हैंडल में फंस गया वह थोड़ी दूर तक गई और फंदा कसने से लड़खड़ाई | इसके बाद उसका सिर एक्टिवा के मास्क पर टकराया खून निकलने लगा और वह गिर गई | मैंने गाड़ी रोकी तो आईकार्ड फंसा हुआ था | मैं दौड़ा और उसे उठाने लगा तभी वहां से जा रहे बाइक सवार हेमेन्द्र लोधी आए और मेरी मदद की, जबकि कई राहगीर वीडियो बनाने में व्यस्त थे पर किसी ने उसे नहीं उठाया मुझसे वह उठ नहीं रही थी तो तीसरा राहगीर मोहन कौशल आया हम तीनों ने उसे उठाया रिक्शा में बैठाकर निजी अस्पताल लाए रास्तेभर उसे हिलाया और उसकी नब्ज देखी, लेकिन अस्पताल पहुँचते ही उसकी मौत हो गई | डॉक्टरों ने बताया कि छात्रा की मौत चोट से नहीं बल्कि आईकार्ड फंसने के कारण दम घुटने से हुई है | उसके शरीर पर चोट के सामान्य निशान थे | चलती गाड़ी में फांसी लगने का यह दुर्लभ केस देखकर डॉक्टर्स और पुलिस भी हैरान है |
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