भोपाल : 06/04/2024 : शहर में हर कॉलोनी में कचरे के ढेर नज़र आ रहे हैं, निगम प्रशासन खुद इस बात को मान चुका है कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन व्यवस्था बिगड़ने से ही कचरा जमीन पर बिखर जाता है और जगह जगह गंदगी फैलती है | दरअसल नगर-निगम की गाड़ियों के बार बार खराब होने से वह समय पर कॉलोनियों में नहीं पहुँचती हैं | निगम के पास अपनी ही गाड़ियों के टायर -ट्यूब और बैटरी बदलवाने के लिए बजट नहीं है | पिछले एक हफ्ते से 100 गाड़ियां तो वर्कशॉप में ही खड़ी हैं | रोज़ 20 से अधिक गाड़ियां या तो रास्ते में बंद हो जाती हैं या कई बार सुबह स्टार्ट ही नहीं हो पाती | इस कारण शहर में कई जगह घरो घर जाकर कचरा नहीं उठ पा रहा इसके अलावा सीवरेज क्लीनिंग और टैंकर से पानी सप्लाई जैसे काम भी प्रभावित हो रहे है | बार बार गाड़ियों के बंद होने और सुबह समय पर स्टार्ट नहीं होने के कारण अधिकतर गाड़ियां अपना फेरा पूरा नहीं कर पाती | दूसरे राउंड में तो इतनी देरी हो जाती है कि जिन कॉलोनियों में गाड़ी पहुँचती है वहां घरों में ताला ही मिलता है | यही कारण है कि दूसरी शिफ्ट में ट्रांसफर स्टेशन पहुँचने वाली गाड़ियों में बमुश्किल 20 से 25 किलो ही कचरा होता है | ज़ोन की गाड़ियां खराब होने पर एएचओ वर्कशॉप से अल्टर्नेट गाड़ियों की मांग करते हैं | जब वहां से भी गाड़ी नहीं मिलती है तो रोड स्वीपिंग की गाड़ी से घरों का कचरा उठवाना शुरू कर देते हैं | ज़्यादा दिन तक परेशानी होती है तो रोड स्वीपिंग की गाड़ियों को कचरा उठाने में लगाया जाता है | बताया गया है कि पहले हर दो महीने में कांट्रेक्टर और सप्लायर को 25 प्रतिशत भुगतान किया जाता है, लेकिन अब हालात ऐसे हैं कि महीने में कभी 5 तो कभी 10% ही भुगतान हो रहा है | इसलिए सामान सप्लाई नहीं हो पा रहा है |
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