भोपाल : 09/04/2024 :( नुजहत सुल्तान ) प्रदेश में दूध और उससे बने उत्पाद खुले में और पैकिंग में बिकते हैं, खुले पर जीएसटी नहीं लगता जबकि पैकिंग उत्पाद जीएसटी के दायरे में है | खुले उत्पाद की मात्रा बहुत ज़्यादा है, ऐसे में ये कहां बनते हैं, और कैसे सप्लाई होते हैं उस पर कंट्रोल नहीं है | इस कारण इसमें मिलावट ज़्यादा होती है | दूध और उसके उत्पादों में मुख्य रूप से पानी और पाम ऑयल मिलाया जाता है | खुले दूध और उससे बने उत्पादों में हो रही मिलावट को लेकर हाई कोर्ट ने सख्त नाराजगी जताते हुए मप्र शासन को फटकार भी लगाई थी, बावजूद इसके मिलावट पर नकेल नहीं कसी जा रही | मिलावटखोरों पर महज जुर्माना लगाकर उन्हें छोड़ दिया जाता है, अगर उन पर सख्त कार्रवाई की जाए तो मिलावट पर रोकथाम हो सकती है | भोपाल में पिछले तीन महीने में 680 सैंपल लिए गए, इनमें 143 सैंपल फेल होने के बाद दोबारा नमूने लेने पड़े | मिलावट पाए जाने पर उन पर 4.35 लाख का जुर्माना भी लगाया | उसके बाद भी भोपाल में ग्वालियर से 5 हज़ार क्विंटल से अधिक मिलावटी मावा पहुँच गया | यानी एक्ट में जुर्माने का प्रावधान होने के बाद भी मिलावटखोरों को डर नहीं रहा | खाद्द विभाग के अनुसार 2023 में भोपाल में 6 आपराधिक प्रकरण बने | इनमें अनसेफ फूड और बिना लायसेंस के मामले रहे | 2024 में सैंपलों में मिलावट पाए जाने पर जुर्माना तो लगाया लेकिन आपराधिक केस एक भी नहीं बना | प्रदेशभर में ऐसे 60 आपराधिक प्रकरण ही बन सके | शासन की ओर से बताया गया कि 25.22 करोड़ रु. की पेनाल्टी लगाई गई, और 6 लोगों को सजा हुई |
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