भोपाल : 15/04/2024 : लोकसभा चुनाव को देखते हुए देशभर में 16 मार्च से आचार संहिता लगने वाली है इसी के मद्देनजर स्टेटिकल सर्विलांस टीम (एसएसटी) ने शुक्रवार से सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करते हुए शहर के 21 पॉइंट्स पर चैकिंग शुरू कर दी है | टीम की नजर मुख्य रूप से 50 हज़ार रु. या उससे अधिक नकदी लेकर चलने वालों पर टिकी है | ऐसे में अगर नकदी रखने वालों के पास उसका हिसाब किताब नहीं है तो टीम उसे जब्त कर लेगी | इसके बाद नोटिस के जवाब में संबंधित को तय समय सीमा में हिसाब किताब देना होगा | उस पैसे का सोर्स सबूतों के साथ बताना ज़रूरी होगा | इसी तरह सोना-चांदी के जेवर भी बिल के साथ रखना होगा | ये टीमें शहर में 21 पॉइंट्स पर 3 शिफ्ट में 24 घंटे तैनात रहेंगी | इसके साथ ही स्थानीय पुलिस भी अलर्ट मोड पर है | लेकिन रेलवे स्टेशनों पर ऐसी किसी भी तरह की चैकिंग नहीं की जा रही है | रेलवे में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर भी आरपीएफ बेफिक्र है | बिना सामान की चैकिंग किए बिना ही यात्रियों को स्टेशन के अंदर एंट्री दी जा रही है वहीं स्टेशन से बाहर निकलने वाले यात्रियों की भी कहीं कोई चैकिंग करने वाला मौजूद नहीं है | भोपाल जंक्शन पर सब कुछ राम भरोसे चल रहा है यहां 25 लाख की लागत से लगाई गई लगेज स्कैनर मशीन भी तीन साल नियमित उपयोग नहीं होने से धूल खा रही है | यहां चैकिंग के दौरान केबिन से भी पुलिस गायब मिली, यह स्थिति तब है जब भोपाल रेलवे स्टेशन से रोजाना 80 हज़ार से अधिक यात्री सफर करते हैं | भोपाल जंक्शन के पुराने भवन में जब जांच की गई तो यहां यात्रियों की भीड़ आवाजाही कर रही थी | बड़ी संख्या में लोग टिकट हॉल के आसपास बैठे और लेटे हुए थे | शुरुआत में ही लगेज स्कैनर मशीन नजर आई जो कि चारों तरफ से धूल में सनी हुई थी | अंदर की तरफ बना आरपीएफ जवानों का केबिन बंद मिला | एंट्री पॉइंट पर चारों तरफ नजर घुमाने पर एक भी जवान नजर नहीं आया | आते-जाते यात्रियों के टिकट चैक करने वाला भी कोई नज़र नहीं आया | नए भवन में बड़ी संख्या में यात्री फर्श पर लेटे दिखे | यहां भी सुरक्षा के नाम पर किसी तरह की चैकिंग देखने को नहीं मिली | इस संबंध में जब आरपीएफ के थाना प्रभारी से पूछताछ की गई तो उनका कहना था कि रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम हैं, हमारे द्वारा समय-समय पर यात्रियों और उनके सामान की चैकिंग की जाती है | यहां लगे लगेज स्कैनर की मदद से भी यात्रियों के सामान की चैकिंग करते हैं | जबकि हकीकत यह है कि चैकिंग करने वाली स्कैनर मशीन तीन सालों से बंद पड़ी है और यह कभी चालू नज़र क्यों नहीं आती इसका सीधा जवाब किसी के पास नहीं है |
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