भोपाल : 16/04/2024 : शहर की लाइफलाइन बड़ी झील को साफ सुथरा बनाए रखने के साथ ही इसके संरक्षण के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं | नगर-निगम में 121 कर्मचारियों का बड़ा अमला इस काम में लगा हुआ है, 10 करोड़ की 6 आधुनिक मशीनें निगम के पास हैं फिर भी तालाबों में कचरे का ढेर मिल रहा है | इतने संसाधनों के बाद भी रामसर साइट में शामिल धरोहर के साथ खिलवाड़ हो रहा है | भोपाल को स्वच्छता में नंबर वन बनाने के लिए किए जा रहे निगम प्रशासन के प्रयास भी असफल हो गए हैं | निगम प्रशासन भले ही बड़े बड़े दावे कर ले लेकिन हकीकत तो यह है कि बड़ा तालाब हो या छोटा तालाब किनारों पर गंदगी का अंबार नज़र आता है | छोटे तालाब के पास कहने को तो निगम का अमला रोज सफाई करता है, लेकिन इसके बाद भी किनारे से कचरा खत्म नहीं हो रहा | यहाँ सड़क से गुजरते समय तालाब काफी हद तक साफ नज़र आता है, लेकिन किनारे झांकने पर निगम अमले की साफ-सफाई व्यवस्था की हकीकत उजागर हो रही है | झील प्रकोष्ठ का अमला यहां ज़ोन के स्वास्थ्य अमले के भरोसे रहता है | हलालपुर रोड स्थित बड़े तालाब के किनारों पर भी गंदगी का अंबार हमेशा देखने को मिलता है | यहाँ कचरा फेंकने वालों पर कभी भी स्पॉट फाइन की कार्रवाई नहीं होती | यही कारण है कि बड़े तालाब का अधिकांश हिस्सा इसी तरह गंदगी से भरा हुआ है | इधर कोहेफिज़ा तिराहे पर निगम प्रशासन ने कहने को तो 5 एमएलडी के एसपीटी का निर्माण करा रखा है | लेकिन शिरीन नाले की गंदगी अब भी सीधे तालाब में ही पहुँच रही है | इतना ही नहीं एसटीपी से निकलने वाले पानी को भी ही धड़ल्ले से तालाब में ही छोड़ा जा रहा है | निगम के अफसरों की आँखों के सामने ही तालाब में गंदगी मिल रही है, लेकिन उसे रोकने के लिए किसी तरह के प्रयास नहीं किए जा रहे |
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