नई दिल्ली : 17/04/2024 : आयुर्वेद दवाओं के भ्रामक प्रचार से जुड़े मामले में योगगुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के एमडी बालकृष्ण को जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने एलोपैथी सहित अन्य चिकित्सा पद्धतियों को कमतर दिखाने का प्रयास न करने की हिदायत देते हुए कहा आप दोनों एक सप्ताह के भीतर सार्वजनिक रूप से माफी मांगे | इससे पहले रामदेव और बालकृष्ण ने मंगलवार को व्यक्तिगत रूप से सुप्रीम कोर्ट में उपस्थित होकर माफी मांगी थी | हालांकि कोर्ट ने इस माफी और 2 तथा 10 अप्रैल को दायर किए गए हलफनामे को अभी स्वीकार नहीं किया है | 10 अप्रैल की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापनों पर कार्रवाई न करने पर केंद्र और उत्तराखंड सरकार की भी खिंचाई की थी | शीर्ष कोर्ट ने 23 अप्रैल को होने वाली अगली सुनवाई में भी रामदेव और बालकृष्ण को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का आदेश दिया | रामदेव ने कोर्ट में कहा कि हमने जो किया वो उत्साह में हुआ था, बेंच ने कहा आपने हमारे आदेश की अवहेलना की | रामदेव बोले हमें कानून की जानकारी नहीं थी बेंच ने कहा रामदेव आयुर्वेद को लेकर अच्छा काम कर रहे हैं | पर दूसरी चिकित्सा पद्धतियों को कमतर बताना गलत है | बालकृष्ण ने रामदेव का यह कहकर बचाव करना चाहा कि वे कंपनी के रोज़मर्रा के काम नहीं देखते | इस पर बेंच ने कहा आपका रवैय्या अब भी अड़ियल है, माफी दिल से नहीं मांगी गई, वहीं रामदेव की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि मेरे मुवक्किल सार्वजनिक माफी मांगने के लिए तैयार हैं |
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