भोपाल : 18/04/2024 : शहर में वाहनों की संख्या 18 लाख से अधिक हो चुकी है, बावजूद इसके पुलिस प्रशासन ट्रैफिक व्यवस्था मजबूत करने के लिए कोई कार्रवाही नहीं कर रही है | शहर के मुख्य बाज़ारों, सड़कों, चौराहों, तिराहों पर रोजाना करीब ढाई लाख वाहन नो पार्किंग में खड़े हो रहे हैं | यही कारण है कि शहर में सड़कें सिकुड़ती जा रही हैं | इस कारण जाम भी लग जाता है सबसे अधिक परेशानी शहर के बड़े बाज़ारों में हो रही है, इसमें एक चौक बाजार भी शामिल है जहां एक तरफ दुकानदारों ने दुकानों के आगे सामान फ़ैला रखा है और दूसरी तरफ वाहन चालक अपने वाहन खड़े कर रहे हैं जिससे पैदल निकलने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है | लोगों का कहना है कि बाज़ारों में पार्किंग व्यवस्था न होने से वाहन सड़कों पर खड़े करना पड़ते हैं | इधर शहर में नो पार्किंग में खड़े वाहनों पर चालानी कार्रवाही करने के बजाय अफसर इधर-उधर गप्पे लड़ाते देखे जाते हैं | गिनती की सात क्रेनें शहर के अलग-अलग इलाकों में कार्रवाही के लिए घूमती हैं, इनमें एक भी क्रेन ट्रैफिक पुलिस की नहीं है | 5 क्रेनें निगम और 2 स्वास्थ्य विभाग की उपलब्ध कराई गई हैं | सातों क्रेनों में तैनात स्टाफ में भी ट्रैफिक पुलिस की तरफ से सिर्फ एक ही एएसआई या हैड कांस्टेबल है, बाकी सभी निगम के कर्मचारी हैं | यही कारण है कि सातों क्रेन सहित पूरे शहर के चैकिंग पॉइंट पर होने वाली चालानी कार्रवाही के दौरान रोजाना सिर्फ 50 चालान ही बनते हैं | यानी शहर की यातायात को व्यवस्थित बनाने के लिए ट्रैफिक पुलिस पूरी तरह से नगर-निगम पर ही निर्भर है | इधर अफसरों का दावा है कि ट्रैफिक पुलिस का अमला नो पार्किंग से वाहन उठाने सहित ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर नियमित कार्रवाही कर रहा है, लेकिन व्यवस्था क्यों नहीं बन पा रही है इसका जवाब किसी के पास नहीं है |
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