भोपाल : भोपाल में फरवरी 2022 से जुलाई 2023 के बीच 26 सड़कों के रिनुअल के लिए टेंडर जारी किए गए थे | इनमें 37.26 करोड़ रु. के सभी टेंडर सिर्फ एक ही कांट्रैक्टर मेसर्स सरमन इंडिया कंपनी को दिए गए | अब सवाल यह उठता है कि पूरे शहर में एक ही कांट्रैक्टर को सभी सड़कों के वर्कऑर्डर क्यों दिए जा रहे हैं | इतना ही नहीं दिसंबर 2020 में भी शहर की 10 सड़कों के रिनुअल का टेंडर निकाला गया था, तब भी सभी 10 सड़कों के काम का वर्कऑर्डर एक ही कंपनी बालाजी कंस्ट्रक्शन को दिया गया था | आखिर एक ही कांट्रैक्टर को सारे काम देने के पीछे पीडब्ल्यूडी के अफसरों की क्या मंशा है ? इस संबंध में जब पीडब्ल्यूडी के अफसरों से बात की गई तो उन्होने कहा कि भोपाल डिवीजन- 1 में सड़कों की लंबाई काफी कम है | ऐसे में छोटी-छोटी सड़कों के लिए अलग-अलग टेंडर जारी करने के बजाय एक ही टेंडर जारी करते हैं | जब अफसरों से इन छोटी छोटी सड़कों की लंबाई पूछी तो अफसर गोलमोल बात तो करते रहे, लेकिन सही जवाब किसी के पास नहीं था | जबकि 26 टेंडरों की सूची में 4.35 किमी लंबाई तक की सड़कें भी नज़र आ रही हैं | जब 26 अलग-अलग सड़कों की सूची के लिए जारी हुए टेंडरों की पड़ताल की गई तो खुद अधिकारियों ने इनके लिए 4 अलग-अलग टेंडर जारी किए जाने की बात बताई, लेकिन इन चारों टेंडर के वर्कऑर्डर किस-किस कांट्रैक्टर को दिए गए हैं तो जवाब में सिर्फ एक ही नाम सामने आया सरमन इंडिया कंपनी | मतलब एक ही कंपनी पर अफसरों की मेहरबानी भ्रष्टाचार की तरफ इशारा कर रही है | हालांकि इस इशारे को पीडब्ल्यूडी के अधिकारी भी तर्क देने के बावजूद नकार नहीं पा रहे हैं | हालांकि अधिकारी यह भी तर्क दे रहे हैं कि, छोटी-छोटी सड़कों का निर्माण करने के लिए ठेकेदार मिलते ही नहीं हैं, इस कारण जो भी टेंडर भरता है उसे काम दे दिया जाता है |
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