भोपाल : 23/04/2024 ( नुसरत सुल्तान ): नगर-निगम के पास सिर्फ 52 मीटर ऊंचाई यानी महज 17 मंज़िला तक की बिल्डिंग में आग बुझाने की क्षमता है बावजूद इसके निगम 25 मंज़िला बिल्डिंग बनाने की परमिशन जारी कर रहा है | जिससे आग लगने के समय लोगों की ज़िंदगी खतरे में पड़ सकती है | नियमानुसार निगम को सिर्फ उतनी ही ऊंचाई की बिल्डिंग बनाने की अनुमति देनी चाहिए जितनी ऊंचाई की आग बुझाने के संसाधन निगम के पास हैं | लेकिन निगम क्षमता से अधिक ऊंचाई की बिल्डिंग बनाने की अनुमति दे रहा है ऐसे में अगर कभी भविष्य में इन हाईराइज़ इमारतों में आग लगती है तो आग को काबू कर पाना अधिक मुश्किल होगा | हाउसिंग बोर्ड शहर में 25 मंज़िला 75 मीटर ऊंची हाईराइज़ बिल्डिंग तुलसी नगर में तुलसी ग्रीन्स के नाम से बना रहा है | 3 ब्लॉक वाली इस बिल्डिंग के अलावा न्यू मार्केट गैमन लगभग तैयार है, जो 22 मंज़िला है | शहर का वर्टिकल डेवलपमेंट हो रहा है | लेकिन इसको लेकर नगर-निगम की प्लानिंग कमजोर है | इधर, दमोह और सागर जैसे बी-कैटेगरी के शहरों में आग बुझाने के लिए वहाँ के नगरीय निकायों में 18-20 मीटर तक की क्षमता है | और अच्छी बात यह है कि वहां इतनी ऊंचाई की इमारत के निर्माण की अनुमति दी जाती है | भोपाल के मुक़ाबले इंदौर में आग से निपटने के बंदोबस्त और भी दोयम दर्जे के हैं | वहां बीते 9 साल में 52 मीटर हाइड्रोलिक प्लेटफार्म की ही खरीदी नहीं हो पाई है | जबकि 2015 में इसके लिए 5 करोड़ रु. का बजट स्वीकृत हो चुका है | ऐसे में अभी जब किसी हाईराइज बिल्डिंग में आग लगती है तो उसे फायरकर्मी सामान्य तरीके से सीढ़ियों से पाइप डालकर बुझाते हैं |
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