भोपाल : 23/04/2024 : गौरतलब है कि स्वाइन फ्लू के बढ़ते मामलों के मद्देनजर भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में राज्य स्तरीय वायरोलॉंजी लैब की लगभग 23 करोड़ की लागत से शुरुआत की गई थी | अब इस लैब की हालत बहुत खस्ता हो चुकी है | तीन सालों से इस लैब में स्वाइन फ्लू की जांच के लिए उपयोग होने वाला रिएजेंट (कैमिकल) ही नहीं है | नतीजतन स्वाइन फ्लू के सैंपल यहां भेजे भी गए, लेकिन यहां से यह कहते हुए मना कर दिया गया कि जांच नहीं हो पाएगी | प्रदेश में स्वाइन फ्लू की जांच की व्यवस्था नहीं होने से मरीज सामने नहीं आ रहे हैं | जबकि दिल्ली में स्वाइन फ्लू तेज़ी से फैल रहा है वहीं नासिक में भी स्वाइन फ्लू से 6 दिन पहले एक मौत हो चुकी है | इधर जिम्मेदारों का कहना है कि स्वाइन फ्लू की जांच के लिए सैंपल एम्स अस्पताल भेजे जा रहे हैं | हालांकि बीते जनवरी से अब तक कितने सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं, इसका रिकॉर्ड अधिकारियों के पास नहीं है, नतीजतन मप्र में इस साल स्वाइन फ्लू का एक भी मरीज नहीं मिल पाया है |
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