भोपाल : 24/04/2024 : गांधी मेडिकल कॉलेज के हमीदिया अस्पताल में न ही फिजियो थैरेपी यूनिट बनाई गई और न ही इसके लिए कोई विभाग बना है जबकि यहां रोजाना 200 की तादाद में आने वाले मरीजों को फिजियो थैरेपी की जरूरत पड़ती है, लेकिन पांच सालों के इंतज़ार के बाद भी अब तक मांग पूरी नहीं की गई है | जबकि इंदौर, जबलपुर मेडिकल कॉलेज में न सिर्फ फिजियो थैरेपी के लिए यूनिट है बल्कि पढ़ाई भी कराई जा रही है | डब्ल्यूएचओ के अनुसार हर 10 हज़ार लोगों के बीच एक क्वालिफाइड फिजियो की जरूरत होती है | जटिल से जटिल सर्जरी, हड्डियों की टूट फूट खिलाड़ियों को लगने वाली चोटों, मांस पेशियों और जोड़ों व न्यूरो तंत्र से संबंधित समस्याओं के लिए फिजियो थैरेपी की मांग दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है | हड्डियों से संबंधित रोगों जैसे पैरालिसिस, आर्थराइट्स जोड़ों में दर्द स्प्रोडिला इटिस (रीड की हड्डी) का दर्द मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के इलाज में इसकी अहम भूमिका होती है, इतना ही नहीं पेल्विक फ्लोर (गर्भाशय) संबंधी बीमारियों में भी फिजियो थैरेपी की ज़रूरत पड़ती है | लेकिन सरकारी अस्पतालों में फिजियो थैरेपी की भारी कमी है | 10 फीसदी लोग फिजिकल डिसएबिलिटी से ग्रसित हैं, फिजियो थैरेपी एक हेल्थ केयर प्रोफेशन है, जिसमें परीक्षण, उपचार, सलाह और निर्देश किसी बीमारी, मूवमेंट डिसफंक्शन, फिजिकल डिसऑर्डर, हीलिंग, दुर्घटना में हुए शारीरिक दर्द आदि के लिए उपलब्ध कराए जाते हैं |
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