भोपाल : 26/04/2024 :( नुसरत सुल्तान ) भोपाल रेलवे स्टेशन पर रोजाना इकट्ठा लगभग ढाई टन कचरे की प्रोसेसिंग पर खर्च होने वाले महज 1500 रु. बचाने के चक्कर में रेलवे की सुरक्षा और पर्यावरण से खिलवाड़ किया जा रहा है | रेलवे स्टेशन पर मौजूद सफाई कर्मचारी स्टेशन पर इकट्ठा होने वाले कचरे को स्टेशन परिसर में ही जला रहे हैं | जिससे निकलने वाला धुआँ लोगों के लिए नुकसान दायक है | कचरे के एक हिस्से को मालगाड़ी के पहिए और स्प्रिंग के बीच फंसा देते हैं, दूसरे हिस्से को ये सफाई कर्मचारी ट्रैक किनारे जला देते हैं | बाकी बचे दो हिस्सों को खाली मालगाड़ी के डिब्बों के अंदर रख देते हैं | जिससे भोपाल स्टेशन तो साफ नज़र आता है, लेकिन भोपाल के अलावा बाकी स्टेशन पर गंदगी होती है | यह गड़बड़ी लंबे समय से चल रही है | इस कचरे को रेलवे द्वारा ट्रांसफर स्टेशन पहुंचाया जाना चाहिए | जब नगर-निगम के अफसरों का इस तरफ ध्यान गया उन्होने रेलवे के अफसरों को इसकी जानकारी भी दी, लेकिन अब तक स्थिति में कोई सुधार नहीं किया गया है | गुरुवार को भी भोपाल रेलवे स्टेशन पर कचरे को ठिकाने लगाते देखा गया है | निगम के अफसरों के अनुसार एक टन कचरे की प्रोसेसिंग पर लगभग 600 रु. खर्च होते हैं | इसमें ट्रांसफर स्टेशन से लेकर आदमपुर छावनी तक होने वाली प्रोसेसिंग शामिल है | यदि रेलवे ये कचरा निगम के ट्रांसफर स्टेशन तक पहुंचाए तो निगम प्रोसेसिंग का खर्चा वसूलेगा | रेलवे स्टेशन से शाहजहांनी पार्क तक पहुंचाने के लिए कम से कम 6 गाड़ियां चाहिए | इन पर रोजाना 4200 रु. खर्च होंगे | इस संबंध में सीनियर डीसीएम सौरभ कटारिया का कहना है कि हमारी जानकारी के अनुसार भोपाल स्टेशन पर दूसरे स्टेशनों से कचरा आ रहा है, हमें मिले फोटो और वीडियो की जांच कर रहे हैं यदि गड़बड़ी पाई गई तो कार्रवाही की जाएगी |
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