नई दिल्ली : 26/04/2024 : सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि ‘स्त्रीधन’ मतलब शादी के समय परिजनों, ससुराल वालों और दोस्तों से जो पैसा व उपहार पत्नी को मिलते हैं उस पर पति का कोई हक़ नहीं है | किसी मुसीबात के समय पति इन पैसों का उपयोग तो कर सकता है, लेकिन बाद में वह पत्नी को लौटाने होंगे | महिला को अपने ‘स्त्रीधन’ पर पूरा अधिकार है | यह पूरी तरह महिला की संपत्ति है और इसे अपनी मर्जी से खर्च करने या बचाने का हक़ सिर्फ महिला का है | ऐसी ही एक शिकायत लेकर कोर्ट में याचिका लगाने वाली महिला ने बताया कि उसकी शादी 2003 में हुई थी, पति ने उसे उपहार में मिले सोने के गहने व पिता से मिले दो लाख रु. का चेक ले लिया और बाद में अपनी मां के साथ मिलकर अपना कर्ज उतारने में उपयोग कर लिए | 2009 में पारिवारिक अदालत ने उसके पक्ष में फ़ैसला सुनाया | पति को 8 लाख 9 हज़ार रु. देने का आदेश कोर्ट ने दिया | लेकिन पत्नी पति पर लगाए गए ‘स्त्रीधन’ लेने का आरोप सिद्ध नहीं कर पाई तो केरल हाई कोर्ट ने आदेश रद्द कर दिया | अगर पत्नी पति द्वारा लिए गए ‘स्त्रीधन’ को साबित कर पाती है तो पति, या उसके परिवार के सदस्यों पर आईपीसी की धारा 406 के तहत मामला चलाया जाएगा | ऐसे मामलों में फ़ैसला ठोस सबूतों के आधार पर नहीं बल्कि, इस बात की संभावना पर किया जाना चाहिए कि पत्नी का दावा अधिक मजबूत है |
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