रायसेन/विदिशा : 26/04/2024 : प्रदेश के स्वास्थ्य राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के गृह जिले रायसेन में जिला अस्पताल पहुंचे सोनोग्राफी के लिए मरीजों को 3 महीने की तारीख देकर चलता कर दिया जाता है | भले ही जब तक मरीज का कुछ भी हो और पैसो के अभाव में सोनोग्राफी न होने से उसकी जान भी जा सकती है | लेकिन डॉक्टर अपनी जेब गरम करने के लिए मरीजों को सोनोग्राफी की लंबी तारीख देकर अपने निजी सेंटर पर बुलाते हैं | रायसेन में रहने वाले अभिषेक ने बताया कि उन्हें 22 अप्रैल को बहुत तेज़ पेट दर्द हो रहा था, उन्हें जिला अस्पताल में सोनोग्राफी के लिए भेजा गया जहां पहुँचने पर अभिषेक को यह पता चला कि डॉ. रजनीश सिंघई नहीं आए वह हर सोमवार को अपने निजी सेंटर पर सोनोग्राफी करते हैं | तो अभिषेक को उदयपुरा के निजी सोनोग्राफी सेंटर जाना पड़ा | उदयपुरा का निजी सेंटर चलाने के लिए डॉ. सिंघई सोमवार को जिला अस्पताल नहीं आते | इसी तरह विदिशा, श्योपुर, बुरहानपुर और अशोकनगर जिला अस्पतालों में पदस्थ रेडियोलॉंजिस्ट निजी सेंटरों पर भी सोनोग्राफी करते हैं | शिवपुरी मेडिकल कॉलेज, राजगढ़ के सिविल सर्जन भी रेडियोलॉंजिस्ट हैं, लेकिन ये प्रशासनिक काम के बोझ के कारण सोनोग्राफी नहीं करते | गौरतलब है कि जिला अस्पतालों में पेट दर्द के रोजाना लगभग 40 से 70 मरीजों को डॉक्टर सोनोग्राफी लिख रहे हैं | लेकिन प्रदेश के 15 जिला अस्पताल और 4 मेडिकल कॉलेज (दतिया, शिवपुरी, खंडवा) में इन मरीजों की सोनोग्राफी नहीं हो रही | इस तरह मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, ऐसे में अगर किसी मरीज की मौत हो जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा ?
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