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कचरा उठाने के लिए 8 साल पहले खरीदे गए साइकिल रिक्शा एक साल बाद ही हो गए थे गायब निगम के अफसर एक बार फिर इन्हें खरीदने की कवायद में |

भोपाल : 30/04/2024 : नगर-निगम ने डोर टू डोर कचरा उठाने के लिए डीजल वाहनों पर रोज़ खर्च होने वाली 1 लाख से अधिक की राशि बचाने के लिए आज से करीब 8 साल पहले 1.37 करोड़ रु. खर्च कर साइकिल रिक्शा खरीदे थे | लेकिन खरीदी के एक साल बाद ही यह रिक्शा गायब हो गए थे | इन रिक्शों का काम बिना डीजल जलाए ही घरों से कचरा इकट्ठा कर मैजिक वाहनों तक पहुंचाना था | ताकि बिना ईंधन जलाए ही कचरा इकट्ठा किया जा सके | गौरतलब है कि लगभग 18 महीने की अवधि में खरीदे गए प्रत्येक रिक्शा की कीमत 27 हज़ार रु. थी | निगम ने बड़े क्षेत्रफल वाले वार्डों  को 10 रिक्शे दिए थे, जबकि छोटे वार्डों को 8 रिक्शे दिए गए थे | वर्तमान में एक दो जगहों पर ही ये रिक्शे देखने को मिलते हैं, इसके अलावा ये रिक्शा कहीं भी मौजूद नहीं हैं | वहीं अब एक बार फिर निगम डीजल बचाने की जुगत में इन्हीं साइकिल रिक्शा को खरीदने की तैयारी में लगा है | अफसरों का कहना है कि ये रिक्शा गलियों और अंदरूनी क्षेत्रों से कचरा कलेक्ट आसानी से कर लेते हैं, और डीजल भी नहीं लगता | जबकि पहले खरीदे गए रिक्शों की जानकारी अधिकारियों के पास नहीं है | इस संबंध में नगर-निगम के उपायुक्त योगेंद्र सिंह पटेल का कहना है कि पूर्व में खरीदे गए रिक्शों की जानकारी नहीं है, लेकिन डीजल बचाने के लिए हमने नए सिरे से रिक्शे खरीदने की योजना पर काम शुरू कर दिया है | यदि पहले वाले रिक्शा गायब हो गए हैं तो इनकी जांच कराई जाएगी | दरअसल इन रिक्शों को गायब करने में निगम कर्मचारियों का ही हाथ है क्योंकि कर्मचारी रोजाना डीजल की चोरी करते हैं, जिसके समय समय पर वीडियो भी सामने आ रहे हैं | इन रिक्शों के चलने से अमले को मिलने वाले डीजल पर रोक लग गई थी, इसी के चलते इन रिक्शों को गायब कर दिया गया है | जबकि इन रिक्शों की मदद से सफाई अमला आसानी से गलियों में पहुँचकर कचरा इकट्ठा कर लेता था | खासकर पुराने भोपाल के कई क्षेत्रों में इन रिक्शों से कचरा संग्रहण करने में आसानी होती थी और इनमें ट्रैफिक जाम और वायु प्रदूषण का खतरा भी नहीं रहता था |

 

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सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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