शिवा राजौरा : 25/6/2024 : असंगठित उद्दोगों के वार्षिक सर्वेक्षण (एएसयूएसई) और नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) के आंकड़ों के विश्लेषण से खुलासा हुआ है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सात साल में 9.3% की गिरावट आई है | 18 लाख असंगठित उद्दोग बंद होने का सबसे गहरा प्रभाव लोगों की नौकरियों पर पड़ा है, करीब 54 लाख लोगों कों अपनी नौकरी से हाथ धोने पड़े हैं | एनएसएसओ के अनुसार जुलाई 2015 से जून 2016 के बीच इस सेक्टर में 1.97 करोड़ असंगठित उद्दोग थे | वहीं, एएसयूएसई के अनुसार अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच उद्दोगों की संख्या घटने से श्रमिकों की संख्या में कमी आई है | पिछले एक दशक में नोटबंदी, जीएसटी, और कोरोनाकाल जैसे लगातार आर्थिक झटकों से असंगठित क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है | एक प्रतिष्ठान औसतन 2.5-3 लोगों को ही रोजगार देता है, जबकि लघू, सूक्ष्म और मध्यम उद्दम देश के गैर कृषि क्षेत्रों में सबसे अधिक रोजगार देता है | महामारी के बाद कुल उद्दोगों की संख्या तो बढ़ी है लेकिन इनमें दूसरे लोगों को रोजगार नहीं देते हैं | अधिकतर उद्दोगों में परिवार के सदस्य ही काम करते हैं |
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