भोपाल : 29/6/2024 : करीब चार साल पहले शहरभर के कैमरों का फीड पुलिस ने लिया था, पुलिस ने विभिन्न संगठनों और व्यापारियों के सहयोग से एक पहल शुरू की थी | इसके तहत शहर के व्यवसायिक, निजी भवन, प्रतिष्ठानों के प्रबन्धकों के सहयोग से उनके भवनों प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगवा कर उन्हें पुलिस कंट्रोल रूम के आईपी एड्रेस से जोड़ा था | इसके लिए उनसे आईपी एड्रेस लेने के लिए ईमेल आईडी और व्हाट्सएप नंबर भी जारी किए थे | इसके माध्यम से वे अपना सीसीटीवी का आईपी एड्रेस पुलिस कंट्रोल रूम से कनेक्ट करा सकते थे | इससे पुलिस उन स्थानों की सीधी मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम के माध्यम से करने लगी थी | इनमें 700 से अधिक कैमरे पुलिस और 300 से अधिक कैमरे आईटीएमएस के हैं | लेकिन इनमें कुछ कैमरे खराब हो चुके हैं | जब पुलिस को एक्सीडेंट में जान गंवा चुके लोगों को मुआवजा दिलाने के लिए वाहन का नंबर और उसके चालक के खिलाफ प्रकरण दर्ज करना होता है तो कैमरे खराब होने के कारण पुलिस की जांच अज्ञात वाहन पर आकर अटक जाती है | पुलिस को वाहन की जानकारी न मिलने से पीड़ित को उचित मुआवजा नहीं मिल पाता | पीड़ित परिवार को सरकार की तरफ से मिलने वाली 2 लाख रु. राशि ही प्राप्त होती है बीमा की कोई रकम नहीं मिल पाती है | इस साल जनवरी से लेकर मई तक शहर में 1206 एक्सीडेंट हो चुके हैं | इनमें कुछ लोग घायल हुए कुछ की जान चली गई लेकिन कैमरों में तकनीकी खराबी होने के कारण पुलिस अज्ञात वाहन का पता लगाने में असफल रही |
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