भोपाल : 04/07/2024 : 16 दिसंबर को चलित रसोई केंद्र के औचक निरीक्षण के दौरान महापौर मालती राय ने खाने की क्वालिटी पर सवाल उठाए इस दौरान उजागर हुआ कि दीनदयाल रसोई योजना के अंतर्गत ग़रीबों को जो खाना दिया जाता है उसके 5 रु. लेने के बजाय 10 रु. वसूले जा रहे हैं | आरोप लगा है कि नगर-निगम के अफसरों ने नियमों को दरकिनार कर बगैर तकनीकी योग्यता के अकुशल संस्था को चुन लिया है | यह संस्थाएं ग़रीबों को कम कीमत में खाना देकर सरकार से अधिक कीमत प्राप्त कर रही हैं | दीनदयाल योजना के तहत भोपाल में 5 स्थायी और 3 चलित रसोई केंद्र संचालित किए जाते हैं, इस योजना के क्रियान्वयन का काम जिला स्तरीय समन्वय एवं अनुश्रवण समिति देखती है | मप्र सरकार की यह एक ऐसी योजना है जिसमें ग़रीब बेसहारा और जरूरतमंद लोगों को कम दर पर 5 रु. में भरपेट खाना उपलब्ध करवाया जाता है | साथ ही संस्था को 1 रु. प्रति किग्रा की दर से अनाज भी मुहैया करवाता है | इसमें सरकार की तरफ से संचालन संस्थाओं को प्रति हितग्राही 10 रु. की सब्सिडी भी दी जाती है | इसके लिए हफ़्तेभर का मैन्यू भी सरकार निर्धारित करती है | किस दिन कौनसा खाना बनेगा ये पहले से तय है, इसमें रोजाना प्रति रसोई में 800 लोग खाना खाते हैं | निगम की अपर आयुक्त टीना यादव ने बीती 18 अगस्त को इन संस्थाओं को एक पत्र जारी कर इसमें कहा था कि दीनदयाल रसोई के अंतर्गत अब तक 10 रु. प्रति थाली की कीमत ली जा रही है अब 10 की जगह 5 रु. प्रति थाली लिए जाएंगे | इसके 5 महीने बाद भी जब महापौर ने दौरा किया तब भी संस्थाएं 10 रु. प्रति थाली के हिसाब से ही राशि वसूल रही थीं | इस संबंध में मामला उजागर होने के बाद कलेक्टर भोपाल और अपर आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास ने भोपाल नगर-निगम से जवाब तलब किया है |
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