भोपाल : 18/07/2024 : राजधानी से 20 से अधिक शहरों कस्बों के बीच चलने वाली 280 बसों में रोजाना 50 हज़ार से अधिक यात्री सफर करते हैं, लेकिन इन दिनों बारिश के कारण बस स्टैंड्स की व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमराई हुई हैं | बावजूद इसके लोग बसों से सफर करने पर मजबूर हैं | 52 साल पुराना नादरा बस स्टैंड हो या पुतलीघर बस स्टैंड दोनों जगह एक जैसे हालात बने हुए हैं | यात्रियों को कीचड़ और गंदगी के बीच सफर करना पड़ रहा है | पुतलीघर बस स्टैंड पर यात्रियों के बैठने की कोई जगह नहीं है चारों तरफ कीचड़ ही कीचड़ है | यात्री सड़क से ही बसों में चढ़ते उतरते हैं इससे हादसों का डर भी बना रहता है | यहाँ पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है | बारिश के दौरान सिर छुपाने तक की जगह नहीं है यही हाल नादरा बस स्टैंड का भी है यहाँ यात्रियों को बारिश से बचने का तो स्थान है, लेकिन बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है | यात्री फर्श पर ही बैठते हैं | अंदर ही जानवर भी घूमते रहते हैं | बस ऑपरेटर्स द्वारा यात्रियों को मेन रोड से ही बैठाया जाता है | बुकिंग काउंटर पर निजी ऑपरेटर्स के कर्मचारियों का कब्जा रहता है | अनाउंसमेंट सिस्टम और पुलिस चौकी बंद है | 2021 में निगम प्रशासन ने आरिफ़ नगर में नया बस स्टैंड बनाना शुरू किया था, लेकिन अब तक यह काम पूरा नहीं हो पाया है | लगातार हो रही देरी के चलते अभी एक साल और लगने की बात की जा रही है |
|