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तीन अफसरों द्वारा की गई जांच में संविदा नियुक्तियों में फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई, अब उसी मामले की चौथी जांच शुरू |

भोपाल : 19/07/2024 :  राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) में 9 साल पहले संविदा नियुक्तियों में हुए फर्जीवाड़े की पहले तीन आईएएस अफसर जांच कर चुके हैं, अब उसी मामले की चौथी जांच की तैयारी की जा रही है | इस बार ये जिम्मा पंचायत राज के आयुक्त मनोज पुष्प और मप्र राज्य रोजगार गारंटी परिषद के सीईओ एस. कृष्ण चैतन्य को दिया गया हैं | एसआरएलएम भोपाल में तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने वर्ष 2015 में भर्ती की थी | इसी में से राज्य स्तरीय नियुक्तियों को लेकर शिकायतें हुई थीं, कहा गया था कि ये कूटरचित दस्तावेज़ों के आधार पर संविदा नियमों के विपरीत की गई हैं | इसकी पहली जांच मप्र राज्य रोजगार गारंटी परिषद की तत्कालीन सीईओ आईएएस नेहा मारव्या ने की थी, उसके बाद इसी जांच की पुष्टि तत्कालीन प्रमुख सचिव पंचायत उमाकांत उमराव और फिर वर्तमान अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव ने भी कर दी, इनमें माना कि संबन्धित अधिकारियों को सुनवाई का पूरा समय दिया और जांच प्रतिवेदन सही है | तीनों जांच के बाद अब विभागीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने यह लिखते हुए जांच के आदेश दिए हैं कि फर्जीवाड़े के आरोपी अफसरों को भी सुना जाना चाहिए, क्योंकि यही नैसर्गिक न्याय के सिद्धान्त से महत्वपूर्ण हैं | गौरतलब है कि पहली जांच के बाद ऐसी ही लाइनें पूर्व पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने भी फर्जी नियुक्ति देने व पाने वालों के लिए लिखी थीं, जिसके बाद जांच के घेरे में आ रहे अफसरों ने भी अपना पक्ष रखा था |

 

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सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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