भोपाल : 26/07/2024 : जिन 36 कीटनाशक दवाओं पर पूरे देश में 12 सालों से बैन लगा है वही दवाएं शहर के कृषि केन्द्रों पर खुलेआम बिक रही हैं | शहर के निजी कृषि केन्द्रों से सब्जी की जल्द और अधिक पैदावार का लालच देकर किसानों को हानिकारक कैमिकल वाली प्रतिबंधित दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं | दुकानदार अपने फायदे के लिए किसानों को अधिक पैदावार की लालच तो दे देते हैं, लेकिन यह नहीं बताते कि इन प्रतिबंधित दवाओं के प्रयोग से क्या क्या नुकसान हो सकता है | ऐसे में किसान भी मनमाने तरीके से इन दवाओं का उपयोग कर फसल को बढ़ा रहा है लेकिन इन दवाओं का मनुष्य के स्वास्थ्य पर कितना गहरा प्रभाव पड़ रहा है इसके बारे में ये नहीं समझते | 2012 में 36 कीटनाशक और हानिकारक दवाओं को प्रतिबंधित कर दिया था, 2020 में ट्राइजोफास पर भी बैन लगाया गया था | साथ ही कुछ कीटनाशक दवाओं को उपयोग करने के लिए मात्रा तय की गई है जिसमें 14 तरह के कीटनाशक शामिल हैं | लेकिन निदेशालय के निर्देशों का अमल कोई नहीं कर रहा | दुकानों पर ये दवाएं लिक्विड तो कुछ पैकेट में उपलब्ध कराई जा रही है, लिक्विड कैमिकल लीटर तो पैकेट रसायन किग्राम के आधार पर दिया जा रहा है | राजधानी स्तर पर बिक रहीं प्रतिबंधित दवाओं की पड़ताल के लिए विभाग के अधिकारी तो कृषि केन्द्रों पर कार्यवाही तो छोड़िए जांच करने तक नहीं जाते | इसी का फायदा उठाकर दुकानदार मनमाने तरीके से कारोबार कर रहे हैं |
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