धार : 27/07/2024 : मरीजों को गंभीर स्थिति में तुरंत इलाज दिलाने अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस 108 को बुलाया जाता है जिसका काम है मरीज को समय रहते अस्पताल पहुंचाना लेकिन निजी हाथों में संचालित हो रहीं एंबुलेंस में ट्रेंड स्टाफ नहीं है और ये ड्राइवर, क्लीनर के भरोसे चलाई जा रही हैं | ये ड्राइवर क्लीनर मरीजों की जान की परवाह किए बिना लापरवाही पूर्वक काम कर रहे हैं | इसी लापरवाही ने दो महीने की मासूम की जान ले ली लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई | हुआ यूं कि पेटलावद की रहने वाली दो महीने की बच्ची को सांस लेने में दिक्कत आ रही थी, पास के अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस बुलाई थी | पिता रवि डोडिया और मां प्रमिला अपनी बच्ची को अस्पताल लेकर निकले एंबुलेंस कर्मचारी गांव से 15 किमी दूर मनावर के सरकारी अस्पताल ले जाने के बजाय 75 किमी का चक्कर लगाते हुए मरीज को जिला अस्पताल लेकर आए | समय पर उपचार न मिलने से बच्ची की रास्ते में ही मौत हो गई | परिजनों ने आरोप लगाए है कि एंबुलेंस स्टाफ की लापरवाही से बच्ची की जान गई है | इस मामले में सीएमएचओ, एनएस गोहलेत का कहना है कि अगर एंबुलेंस स्टाफ मरीज को पास के अस्पताल से बिना रेफर किए सीधे धार लेकर गया और मौत हुई है तो यह गंभीर मामला है | कई बार परिजन भी धार लेकर आने का दबाव बनाते हैं, यदि किमी बढ़ाने के चक्कर में मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है तो इस मामले की गंभीरता से जांच करवाकर दोषियों पर कार्यवाही करेंगे |
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