भोपाल : 27/07/2024 : रोजगार देने के सरकार के वादों पर मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना खरी नहीं उतर रही है, सरकार ने अगस्त 2023 में यह योजना इस दावे के साथ शुरू की थी कि एक साल में प्रदेश के एक लाख युवाओं को इससे रोजगार मिलेगा | एक साल बाद भी महज 25 हज़ार युवाओं को ही योजना का लाभ मिल पाया है | इस योजना में युवा न तो सीख पा रहे हैं और न ही कमा पा रहे हैं | लाखों आवेदन लंबित होने के बाद भी कंपनियों ने शॉर्ट लिस्ट करने में कंजूसी की, और सिर्फ 32 हज़ार को ही इंटरव्यू के लिए बुलाया गया, इनमें भी 25 हज़ार को ही रोजगार मिला है | वहीं भोपाल जिले में 1900 से अधिक विभिन्न फर्म और कंपनियों ने योजना के तहत रजिस्ट्रेशन करवाया था, लेकिन सभी ने इसमें रुचि नहीं ली | यही कारण है कि इनमें से 1270 कंपनियों ने ही ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किए | इनहोने 46 अलग-अलग कोर्स डिजाइन किए इनके लिए वैकेंसी भी निकाली | यानी ट्रेनिंग के लिए इतनी सीटें बताई कि 11 लाख से अधिक लोगों ने आवेदन किया इनमें से 10 लाख आवेदन पेंडिंग पड़े हैं | लेकिन ट्रेनिंग देने वाली कंपनियों ने इंटरव्यू के लिए मात्र 2323 आवेदकों को ही बुलाया इसमें से भी फ़ाइनल लिस्ट में 1380 आवेदक के ही नाम थे | इनमें से भी कुछ आवेदक संस्थानों पर ट्रेनिंग के लिए नहीं पहुंचे | स्टायपेड मिलने के लालच में आवेदन करने वालों में 12वीं पास या आईटीआई के अलावा इंजीनियर तक शामिल हैं | बेरोजगारी दूर करने के दावे के साथ सीखो कमाओ योजना में निशुल्क ट्रेनिंग के साथ पात्र आवेदकों को हर महीने आठ से 10 हज़ार रु. स्टायपेड भी दिया जाता है | सरकार ने एक लाख युवाओं को हर साल रोजगार देने का दावा किया था, लेकिन सरकार का ये दावा फेल हो गया अब भी शहर में लाखों युवा बेरोजगारी से जूझ रहे हैं |
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