भोपाल : 30/07/2024 :( नुजहत सुल्तान ) राजधानी में मौसम विभाग का बारिश के लिए रेड अलर्ट बाढ़ आपदा की स्थिति में निपटने के लिए नगर-निगम और जिला प्रशासन का प्रबंधन कागजों तक ही सीमित है | दरअसल, जिले के बड़े अफसर अधिकारी – कर्मचारियों की ड्यूटी एक कागजी आदेश में लगाकर बेफिक्र हो गए हैं | ऐसा इसलिए कि पुलिस कमिश्नर कार्यालय के सामने बने नगर-निगम और जिला प्रशासन के मुख्य आपातकालीन नियंत्रण कक्ष में टेबल कुर्सियों के अलावा कोई नज़र नहीं आता | जबकि यहां अलग-अलग शिफ्टों में 24 घंटे 9-9 अधिकारी कर्मचारियों को तैनात किया गया है | जो रजिस्टर में साइन कर गायब हो जाते हैं | शहर की बड़ी आबादी को आपदा में सहायता देने के लिए एक ही जगह से संचालित हो रहे दोनों कंट्रोल रूम में नगर-निगम का सिर्फ एक कर्मचारी पैरों से लाचार जगमोहन वंशकार बैठा नजर आया जिसके पैर में रॉड डली हुई है | उसके भरोसे पूरा शहर छोड़ जिम्मेदार अपने काम से पीछा छुड़ाए बैठे हैं | कंट्रोल रूम के दूसरे स्टाफ से पूछा तो उन्होने बताया कि कर्मचारी तो आते जाते रहते हैं, तो एक ने बताया कि ड्यूटी वाले कर्मचारी तो कभी आते ही नहीं हैं | निगम के आदेश के मुताबिक नियंत्रण कक्ष के बाहर 24 घंटे 4 जेसीबी भी उपलब्ध रखने का नियम है, लेकिन मौके पर एक 407 हाइड्रोलिक लिफ्ट खड़ी मिली | कंट्रोल रूम में आपदा के दौरान मदद के लिए तैनात ट्रक और मजदूरों के बारे में पूछा गया तो जवाब मिला कि ट्रक तो फील्ड के काम के लिए आदमपुर खंती में लगे हैं | इसी तरह कलेक्टर कार्यालय के बाढ़ नियंत्रण कक्ष में जिन 3 अधिकारी – कर्मचारी की ड्यूटी थी, उनमें से कोई भी मौके पर नहीं मिला | इस संबंध में कलेक्टर कौश्लेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि बाढ़ नियंत्रण कक्ष में अलग-अलग शिफ्ट में अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है, यदि अधिकारी कर्मचारी नहीं पहुँच रहे हैं तो इसे चैक कराएंगे अनुपस्थित रहने वालो पर कार्यवाही की जाएगी |
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