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पदस्थापना न होने के बावजूद 7 महीने से मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता राशि के वितरण संबंधी कामों में जुटे अधिकारी कर्मचारी, जिनकी सेवाएं समाप्त वो भी डटे |

भोपाल : 06/08/2024 :  मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान प्रकोष्ठ में पदस्थ तीन अधिकारी, कर्मचारी ऐसे हैं, जिनकी शासन से विधिवत पोस्टिंग तक नहीं है | इसके बाद भी उनसे लगातार लाखों रुपए की स्वेच्छानुदान राशि वितरण जैसा महत्वपूर्ण कार्य कराया जा रहा है | इन अधिकारियों में पहला नाम डॉ. गिरीश वर्मा का है, 5 जनवरी 2024 को स्वास्थ्य संचालनालय के अपर संचालक ने पूर्व से कार्यरत डॉ. गिरीश वर्मा को संचलनालय पदस्थ करके उनकी जगह डॉ. हेमंत सिंह कदम को पदस्थ किया था | लेकिन आदेश के विपरीत डॉ. गिरीश अब भी अपनी जगह डटे हुए हैं | वहीं एमपी ऑनलाइन के दो अन्य कर्मचारी अखिलेश श्रीवास्तव और रामकिशन सेन जिन्हें 31 मार्च 2024 को कार्यमुक्त कर दिया गया था | उनसे आवेदनों पर स्वीकृत राशि पोर्टल पर अपडेट करने और ऑनलाइन चढ़ाने जैसे महत्वपूर्ण और गोपनीय कार्य कराए जा रहे हैं | दोनों ही कर्मचारी जब तक पोर्टल पर स्वीकृत आवेदनों की जानकारी अपडेट नहीं करते, तब तक सामान्य प्रशासन विभाग से भुगतान के लिए कोई भी प्रकरण जिला कलेक्टर के पास नहीं पहुँच पाता | गौरतलब है कि दोनों कर्मचारी सुबह 10 बजे आकर रात 11 बजे तक अपनी सेवाएं देते हैं, यानी लगातार 13 घंटे काम करते हैं | ऐसा वे 2015 से करते आ रहे हैं | जब इस संबंध में विभागीय अफसरों से बात की गई तो उनका कहना था कि सभी कर्मचारी शासन का ही काम कर रहे हैं, किसी की भी गलत पदस्थापना नहीं है | लेकिन हमने जब अधिकारी कर्मचारियों के नाम बताकर अफसरों से उनकी पदस्थापना संबंधी आदेश के बारे में पूछा तो अफसर गोलमोल जवाब देने लगे | हालांकि, उनका यह भी कहना था कि इस तरह ईमानदारी से काम कराने के लिए उनके पास अन्य कोई ऑप्शन नहीं है | इस कारण पहले से तैनात कर्मचारियों की सेवाएं ली जा रही हैं | लेकिन इतने महत्वपूर्ण और गोपनीय कार्यों को बिना किसी विधिवत आदेश अनुमति के आउटसोर्स कर्मचारियों से कराया जाना कितना उचित है, इसका सीधा जवाब उनके पास नहीं था | हालांकि, विभागीय अफसर ऐसे सभी अधिकारी-कर्मचारियों की पदस्थापना संबंधी आदेश अनुमतियों को चैक कराकर व्यवस्था मजबूत कराने की बात कह रहे हैं |    

 

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