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पुलिसवालों को बेहतर उपचार देने के लिए संचालित पुलिस अस्पताल में नहीं रहते डॉक्टर रोजाना 200 मरीज बिना इलाज कराए ही वापस लौटने पर मजबूर |

भोपाल : 09/08/2024 : पुलिसवालों के इलाज के लिए पुलिस मुख्यालय के ठीक पास में संचालित पुलिस पुरुष अस्पताल में 12 डॉक्टरों की तैनाती के बावजूद भी डॉक्टर नहीं मिलते | इस अस्पताल में रोजाना डेढ़ सो से दो सो मरीज इलाज कराने आते हैं, यहां पुलिस महकमे के कर्मचारियों और उनके परिजनों को  इलाज के साथ ही पैथलॉंजी की जाँचे मामूली फीस के साथ उपलब्ध हैं | पुलिसकर्मियों को बहतर इलाज देने के लिए विभाग ने अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों को मानदेय के आधार पर अनुबंधित कर रखा है | इसके बाद भी यहां मरीजों को साधारण इलाज भी नहीं मिल पा रहा है | सबसे हैरत की बात तो यह है कि डॉक्टर विहीन इस अस्पताल को पुलिस महकमा पूरे प्रदेश में पुलिस का सबसे बड़ा अस्पताल होने का दम भरता है | जबकि सोनोग्राफी, सिटी स्कैन, एमआरआई, के लिए यहां से हमीदिया रेफर कर दिया जाता है | यहां पहुंची एक महिला ने बताया कि वह अपने पति को करोंद से लेकर यहां पहुंची थीं, पति को गले में परेशानी थी, वे नाक, कान, गला विशेषज्ञ डॉ. राकेश रजक को दिखाने आए थे, लेकिन डॉ. राकेश शाम 4 बजे तक अस्पताल नहीं पहुंचे तो सुनीता ने वहां के स्टाफ से पूछा तो जवाब मिला हमें नहीं पता कब आएंगे डॉक्टर साहब | इस अस्पताल में सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक उन पांच डॉक्टरों को खोजा गया जिनका नाम इस दिन के ड्यूटी चार्ट में दर्ज था | वहीं एक अन्य डॉक्टर जिनका नाम ड्यूटी चार्ट में नहीं था उनके कमरे के बाहर चिपके कागज पर उस दिन का समय तो लिखा था, लेकिन वे भी गायब थे | यहां सिर्फ एक महिला डॉक्टर के भरोसे ही मरीजों को छोड़ दिया गया था हैरत की बात तो यह है कि अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर ही अस्पताल से गायब थे, इतना ही नहीं अस्पताल स्टाफ को ये तक नहीं पता कि डॉक्टर्स आएंगे भी कि नहीं |

 

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सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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