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हमीदिया में पर्चे बनवाने के लिए आभा एप डाउनलोड करने में उन मरीजों को दिक्कत आ रही जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं और जिसे चलाना नहीं आता वो हो रहे परेशान |

भोपाल : 14/08/2024 : प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में शुमार होने वाले हमीदिया अस्पताल में पर्चे बनवाना मरीजों के लिए बना परेशानी का सबब | तीन महीने पहले शुरू हुई आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीएच) की स्कैन एंड शेयर स्कीम के माध्यम से मरीजों का डेटा ऑनलाइन करने के लिए पर्चे ऑनलाइन बनाए जाने की शुरुआत हुई थी, लेकिन आज भी इस समस्या का कोई हल नहीं निकाला गया लोग आज भी परेशान हो रहे हैं | दरअसल, हमीदिया अस्पताल में आने वाले मरीजों को पर्चे बनवाने के लिए आभा एप डाउनलोड करना पड़ता है, उसमें अपनी पुरी जानकारी भरने के बाद क्यूआर कोड स्कैन करने के बाद ही पर्चा बनाया जाता है | ऐसे में उन लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं है या जिनको फोन चलाना नहीं आता | ऐसे मरीजों को एप डाउनलोड करने के लिए बैठी टीम तक जाने के लिए घंटो लाइन में लगकर आभा एप डाउनलोड करवाना पड़ता है इसके बाद फिर दूसरी लाइन में लगकर पर्चा बनवाना पड़ता है फिर डॉक्टर को दिखाने की बारी आती है जिसमें पूरे दो से ढाई घंटे तक लग जाते हैं | हमीदिया में रोजाना ढाई हज़ार लोग ओपीडी में आते हैं, इलाज कराने पहुंचे शाहिद खान ने बताया कि वे ऑनलाइन सिस्टम होने के कारण दो बार वापस लौट चुके हैं | उनके पास स्मार्ट फोन तो है, लेकिन ठीक से चलाना नहीं आता | घंटों लोगों से मदद मांगने के बाद जब क्यूआर कोड स्कैन करने की बारी आई तो वह आभा एप में टेक्निकल दिक्कत के चलते स्कैन नहीं हुआ, उन्हे काफी परेशानी हुई | इस ऑनलाइन सिस्टम से मरीजों का इलाज होना एक बड़ी समस्या बनी हुई है, लेकिन इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकल रहा है |

 

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प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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