भोपाल : 20/8/2024 : पुराने शहर के कबाड़खाना इलाक़े में ऐसी दुकानें संचालित हो रही हैं, जो बिना नाम पते की हैं | इन दुकानों पर कारोबारी अपनी मर्जी मुताबिक काम करते नजर आते हैं | ऐसी करीब 200 दुकानें हैं जिनमें हर महीने 5 हज़ार से अधिक स्कूटर, बाइक, कार, जीप को खुलेआम काटा जा रहा है | कबाड़खाने के कारोबारी कोई भी वाहन महज 30 मिनट में खोलकर उनके पुर्जे अलग-अलग करके बिक्री के लिए दुकान में सजा देते हैं | बदले में वाहन लाने वाले व्यक्ति को ढाई हज़ार से 8 हज़ार रु. तक थमा देते हैं | इससे पहले कारोबारी खानापूर्ति के लिए वाहन लाने वाले से आधार कार्ड और वाहन का रजिस्ट्रेशन कार्ड मांगते हैं, लेकिन यह असली है या नकली इससे उन्हें कोई मतलब नहीं | कहने को तो कारोबारी बिना रजिस्ट्रेशन कार्ड के किसी का भी वाहन काटने की सहमति नहीं देते, लेकिन यदि कोई फर्जी आरसी और आधार कार्ड लेकर भी वाहन कटवाने जाए तो उसकी गाड़ी भी बिना देरी किए काटने को तैयार हो जाते हैं | यह कारोबारी सभी काम एक नंबर करने का दावा कर गाड़ियां कटवाने वाले व्यक्ति का रिकॉर्ड अपने पास रखते हैं | कई लोग ओरिजनल न रखते हुए असली दिखने वाले कार्ड की फोटो कॉपी करवाकर अपने पास रखते हैं | और यह कारोबारी बिना दस्तावेज़ जांचे ही गाड़ियों का निष्पादन कर रहे हैं | इस संबंध में जब हनुमान गंज थाना प्रभारी अवधेश सिंह भदौरिया से संपर्क किया गया तो उन्होने इस पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की | इधर आरटीओ जितेंद्र शर्मा का कहना है कि वाहन मालिक को नियामानुसार रजिस्ट्रेशन निरस्त कराकर स्क्रैप सेंटर के माध्यम से ही अपने वाहनों का निष्पादन कराना चाहिए | ऐसा नहीं करने वालों को भविष्य में परेशानी हो सकती है |
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