ब्रेकिंग न्यूज़ देवास : एक बच्चे को डूबने से बचाने के लिए कूदा दूसरा बच्चा, दोनों की मौत |                पिपरिया : एक साल के बेटे को पटरी से 3 फीट दूर छोड़ मां ने ट्रेन के सामने कूदकर दी जान |                इंदौर : मकान बनाने के दौरान हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से मजदूर की मौत |                झाबुआ : वार्डन ने छात्रा को पीटते हुए वीडियो बनाया वायरल होने पर वार्डन सस्पेंड |                जावरा : 75 ग्राम एमडी के साथ चार आरोपी गिरफ्तार |                भोपाल : श्यामला हिल्स इलाक़े में बाइक फिसलने से युवक की मौत, दोस्त घायल |                भोपाल : ऐशबाग इलाक़े में मोबाइल न देने से नाराज 14 साल के नाबालिग ने फांसी लगाकर दी जान |                  
डॉक्टर के अभाव में प्रसूताओं को नर्सिंग स्टाफ के भरोसे छोड़ना महिलाओं के लिए बना खतरा उप स्वास्थ्य केंद्र और पीएचसी में तो सीजेरियन डिलीवरी की व्यवस्था ही नहीं |

भोपाल : 24/08/2024 :( नुजहत सुल्तान) महज अच्छी बिल्डिंग और उनमें सजी मशीनें ही होना जरूरी नहीं बल्कि उनका सही तरीके से उपयोग होना जरूरी है | लेकिन शहर के अस्पतालों में इन मशीनों को चलाने के लिए ऑपरेटर ही नहीं हैं, जिन अस्पतालों में डिलीवरी के लिए महिलाएं पहुँचती हैं वह चाहे सरकारी ही क्यों न हो लेकिन उनके लिए जान का खतरा बना रहता है क्योंकि इन अस्पतालों में डॉक्टर नहीं रहते और नर्सिंग स्टाफ के भरोसे प्रसूताओं को छोड़ दिया जाता है जिससे शिशु और मां दोनों के लिए खतरा मंडराता रहता है | केवल मप्र में ही पिछले 10 साल में बच्चे को जन्म देत समय 17 हज़ार के करीब मौतें हुई हैं, इनमें से कई मौतें सरकारी अस्पताल में भी हुई हैं | इसके अलावा बड़े जिलों में सबसे अधिक मौतें हो रही हैं | छोटे सरकारी अस्पतालों में न डॉक्टर हैं, और न मशीने प्रसव नर्सिंग स्टाफ के भरोसे है | सीएचसी, उप स्वास्थ्य केंद्र और पीएचसी में तो सीजेरियन डिलीवरी की व्यवस्था ही नहीं है | इन अस्पतालों से प्रसूताओं को गंभीर स्थिति होने पर जिला या मेडिकल कॉलेज रेफर किया जाता है, लेकिन अगर एंबुलेंस मिलने में देरी हो जाए या बड़े अस्पतालों में भीड़ के कारण गर्भवतियों को समय पर इलाज न मिलने से भी उन्हें जान गवानी पड़ती है | अगर इन छोटे अस्पतालों में सीजेरियन व्यवस्था और डॉक्टरों की कमी पूरी कर दी जाए तो कई प्रसूताओं की जान बच सकती है | गांव ब्लॉक तो छोड़िए कम से कम जिला स्तरों पर तो ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए जहां गर्भवती महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें |

 

Advertisment
 
प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
Copyright © 2016-17 LOKJUNG.com              Service and private policy              Email : lokjung.saify@gmail.com