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नियम विरुद्ध चल रहे प्रदेश के 10 हज़ार उप स्वास्थ्य केंद्र, फार्मासिस्ट की अनिवार्यता के बावजूद नर्स और ए एन एम से करा रहे दवाओं का वितरण |

भोपाल : 06/09/2024 : फार्मेसी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट को छोड़कर कोई भी दूसरा व्यक्ति दवाओं का संधारण वितरण नहीं कर सकता | यदि इस नियम का कोई भी उल्लंघन करता है तो उसे 6 महीने की सज़ा या एक हज़ार रु. का जुर्माना भुगतना पड़ता है | लेकिन विभागीय अफसर खुद ही एक्ट के नियमों को नहीं मान रहे हैं, यह हाल तब है जब गलत दवा वितरण के बाद उनके सेवन से मरीजों को गंभीर समस्याएं होने के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं | इसके बाद भी प्रदेश का स्वास्थ्य महकमा गंभीरता नहीं दिखा रहा है | और ये लापरवाही मरीजों की जान जोखिम में डाल रही है | दरअसल, प्रदेश के 10 हज़ार से अधिक उप स्वास्थ्य केन्द्रों में दवा वितरण के नाम पर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ हो रहा है | उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर फार्मासिस्ट के अभाव में नर्स या एएनएम दवाएं बांट रहे हैं | इन केन्द्रों पर अयोग्य व्यक्तियों द्वारा बांटी जा रही 126 तरह की दवाइयों में अधिकतर गंभीर प्रकृति की भी हैं, जिनका गलत उपयोग होने से मरीजों की जान भी जा सकती है | ग्रामीण इलाकों में संचालित इन केन्द्रों पर आखिर दवा बांटने के काम में विभागीय स्तर से लापरवाही क्यों की जा रही है ?  दरअसल उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर फार्मासिस्ट की तैनाती नहीं है, हालांकि मप्र स्टेट फार्मासिस्ट के पद सृजित करने के लिए प्रमुख सचिव से लेकर मुख्यमंत्री तक ज्ञापन दिए जा चुके हैं | इन केन्द्रों पर रोजाना 50 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुँचते हैं, 10 हज़ार 267 उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर आने वाले मरीजों की संख्या को समझें तो अयोग्य कर्मचारियों से दवाओं का वितरण कराकर विभागीय अफसर रोजाना पांच लाख मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं | मरीजों को देखने से लेकर दवा काउंटर पर भी स्टाफ नर्स द्वारा ही काम कराया जा रहा है, डॉक्टर की गैर मौजूदगी में भी नर्सों द्वारा ही मरीजों का उपचार किया जा रहा है, लेकिन सरकार को इस बात से कोई सरोकार नहीं है |

 

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प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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