भोपाल : 09/09/2024 : पं. लक्ष्मीनारायण शर्मा कृषि उपज मंडी करोंद में व्यापारियों से अवैध वसूली का कारोबार लगातार जारी है, मंडी सालों से अवैध वसूली का अड्डा बनी हुई है लेकिन जिम्मेदार बेपरवाह बैठे हुए हैं | दरअसल, मंडी से फल, सब्जियां खरीदकर निकलने वाले व्यापारियों से कुल सामान का 1% मंडी फीस ली जाती है | इस हिसाब से मंडी को 24 घंटे में सवा लाख रु. का राजस्व मिलता है | यह दावा मंडी के अफसर और उनके रिकॉर्ड के मुताबिक है, जो हकीकत से कोसों दूर है | यहाँ तो मंडी के कर्मचारियों की जगह लगातार बाहरी तत्वों द्वारा व्यापारियों से मनमानी कीमत वसूली जा रही है | यह अवैध वसूली का सिलसिला मंडी शुल्क के लिए तय जगहों के अलावा भी कई स्थानों पर जारी है | मंडी में व्यापारियों से शुल्क वसूलने के लिए तो अलग-अलग शिफ्टों में 3-3 कर्मचारियों को लगा रखा है, लेकिन मौके पर तो एक साथ अलग-अलग जगहों पर 4-4 लोग वसूली कर रहे हैं | मंडी से हर सेकंड में सामान लेकर निकलने वाले ठेले, ट्रक, ऑटो से 20 रुपए से लेकर 1500 रु. तक वसूले जा रहे हैं | हालांकि यहाँ वसूली की कोई निर्धारित सीमा नहीं है, गेट पर खड़े लोग जो राशि बोल दें वो देना ही है यदि कोई बहस करता है तो आसपास खड़े वसूली करने वाले लोगों के गुर्गे घेरकर रंगदारी दिखाने लगते हैं | यहाँ हर सेकंड गुजरने वाले वाहनों से प्रति मिनट 3 हज़ार रु. की वसूली हो रही है | जबकि 1 घंटे में यह आंकड़ा 1.80 लाख रु. तक पहुंचता है | इधर मंडी प्रबंधन तो यहां 24 घंटे में महज एक से सवा लाख रु. की वसूली की बात कह रहे हैं, जबकि हकीकत कुछ ओर ही है | मंडी सचिव आरपी गुप्ता का कहना है कि मंडी परिसर में नियमानुसार ही राजस्व की वसूली की जा रही है, रही बात रसीद नहीं लेने की तो कई बार लोग जल्दबाज़ी में रसीद लेकर ही नहीं जाते इसमें हमारी क्या गलती है | कलेक्टर कौश्लेंद्र विक्रम सिंह का कहना है कि यदि करोंद मंडी में बाहरी तत्वों से वसूली कराई जा रही है तो हम इसे चैक कराएंगे, वसूली करने वालों पर कार्यवाही के साथ ही वसूली कराने वालों पर भी सख्त कार्यवाही करेंगे |
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