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सरकारी सिस्टम के अफसरों द्वारा बताए गए गलत आंकड़े कर रहे प्रदेश की जनता को गुमराह |

भोपाल : 09/09/2024 : सरकार की ओर से राजस्व महाअभियान के तहत दो चरणों में 80 लाख प्रकरणों का निराकरण करने की बात की जा रही है, जबकि आरसीएमएस पोर्टल पर उपस्थित आंकड़ों के हिसाब से जनवरी 2023 से जुलाई 2024 तक कुल 21 लाख 26 हज़ार 834 आवेदन ही पंजीकृत हुए थे | ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर विभागीय अफसरों ने 21.26 आवेदनों से 58.73 लाख अधिक प्रकरणों का समाधान कैसे करा दिया ? इस सवाल का जवाब जानने के लिए राजस्व अभियान के तहत आने वाले आवेदनों के लिए पोर्टल की जानकारी जुटाई गई उसके बाद कलेक्टर स्तर के एक अफसर से पूछा कि राजस्व अभियान के प्रकरणों को किस पोर्टल के माध्यम से निराकृत किया जाता है, उनकी तरफ से जवाब मिला कि इसके लिए तो एकमात्र आरसीएमएस पोर्टल ही है | उसी पर प्रदेशभर से आने वाले आवेदनों का समाधान किया जाता है | इसके बाद राजस्व से जुड़े अफसरों से बात की गई तो उनका कहना था कि नक्शा तरमीम के प्रकरण की संख्या अधिक होने के कारण निराकृत मामलों का आंकड़ा पोर्टल पर दर्ज आवेदनों से अधिक नजर आ रहा है, लेकिन इसके बाद भी आंकड़ों में बड़ा अंतर क्यों दिखाई दे रहा है ? इसका जवाब विभागीय अफसरों के पास नहीं है | राजस्व अफसरों का कहना है कि नक्शा तरमीम के लिए अलग से आवेदन नहीं होते | पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों के आधार पर ही नक्शा तरमीम भी किया जाता है | इसी कारण अभियान के तहत निराकृत प्रकरणों की संख्या अधिक है | निराकृत हुए कुल 80 लाख प्रकरणों में 67 लाख प्रकरण नक्शा तरमीम के थे, जबकि प्राप्त आवेदनों की संख्या 21.26 लाख थी | ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब नक्शा तरमीम के लिए अलग आवेदन नहीं होते तो भी अफसरों ने 21.26 लाख से 45.74 लाख अधिक नक्शा तरमीम कैसे करा दी | अगर 21.26 लाख मामलों में सभी का नक्शा तरमीम भी किया गया तो भी इनकी कुल संख्या 42.52 लाख होती है | 3 लाख 22 हज़ार प्रकरण अधिक कैसे हो गए ?

 

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प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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