भोपाल : 20/09/2024 : मप्र वन विभाग में करीब 15 साल पहले हुई कोषालय की एक गलती का खामियाजा 6592 वनरक्षकों को भुगतना पड़ेगा | मामला सितंबर 2014 से पहले भर्ती होने वाले वनरक्षकों से जुड़ा है | वन विभाग में फॉरेस्ट गार्डों की भर्ती सितंबर 2014 से शुरू हुई थी, इससे पहले गार्डों की भर्ती अस्थायी कर्मियों के प्रशिक्षण पूरा होने पर पदोन्नति के माध्यम से होती थी | पुरानी भर्ती नियम के मुताबिक पे बैंड 5200 देना था, लेकिन उन्हें 5680 रु. पे-बैंड दे दिया गया, ये स्थिति वनरक्षकों के मूल वेतन के गलत गणना होने के कारण बनी है | वित्त विभाग की आपत्ति के बाद वन विभाग ने सितंबर महीने से वेतन बैंड में सुधार के निर्देश दिए हैं इसके बाद वन विभाग वसूली की तैयारी में जुट गया है | इस आदेश के बाद वर्ष 2016 से 5680 वेतन बैंड ले रहे वनरक्षकों को 5 लाख रु. सरकारी खजाने में लौटाने होंगे, जबकि साल 2013 से लाभ लेने वालों को 1.5 लाख रु. देने होंगे | हर कर्मचारी ने हर महीने वेतन बैंड में 480 रु. अधिक लिए हैं | इस राशि पर 12% ब्याज भी वसूला जाएगा | वनरक्षक जिला कैडर का पद होने से यह कार्यवाही वन मंडल कार्यालयों के रिकॉर्ड के आधार पर की जाएगी | प्रदेश के कई विभागों में कार्यरत 3 लाख से अधिक दैनिक वेतन भोगी और आउटसोर्स कर्मियों को वेतन के मामले में 5 महीने में दूसरा बड़ा झटका लगा है | अप्रैल में इनकी सैलरी बढ़ा दी गई थी, फिर यह कम कर दी गई और अब सैलरी में से रिकवरी की जा रही है | इसके लिए कई विभागों ने तो रिकवरी के लिए आदेश तक जारी करके उनके वेतन से रिकवरी भी कर ली, कुछ विभागों में वसूली का यह सिलसिला अभी जारी है | इधर वेतन कम करने और रीकवरी के फैसले से नाराज कर्मचारी संगठन और कर्मचारी मंच के अध्यक्ष अशोक पांडे ने कहा कि ऐसा आज तक कभी नहीं हुआ, सैलरी कम करने के बजाय बढ़ाना चाहिए और रिकवरी तो कभी करनी ही नहीं चाहिए क्योंकि गलती कोषालय की है इसमें फॉरेस्ट गार्डों की तो कोई गलती ही नहीं फिर भुगतान हमसे क्यों वसूला जा रहा है |
|