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महिलाओं की सुरक्षा के लिए यात्री वाहनों में पैनिक बटन लगाने की कवायद अधूरी, दो साल में महज 50% वाहनों में ही लगे पैनिक बटन |

भोपाल : 24/09/2024 : ( नुजहत सुल्तान) राजधानी में यात्री वाहनों में महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों पर रोक लगाने के लिए सभी तरह के यात्री वाहनों में पैनिक बटन लगाने की पहल की गई थी, 2022 में पैनिक बटन लगाना अनिवार्य किया गया था | बावजूद इसके महिलाओं की सुरक्षा के लिए लगाए जाने वाले पैनिक बटन दो साल में महज 50 प्रतिशत यानी 7 हज़ार 457 यात्री वाहनों में ही लगाए गए हैं | जिन वाहनों में पैनिक बटन लगाए जा चुके हैं, उनसे रोजाना 150 से अधिक अलर्ट आरटीओ ऑफिस में बने स्टेट मॉनिटरिंग सेंटर पहुंच रहे हैं | इसके बाद भी वाहन संचालकों और परिवहन विभाग के अफसरों और एजेंसियों के बीच तालमेल न होने के कारण हर साल होने वाले पैनिक बटन रिन्युअल में एक महीने से ज़्यादा की वेटिंग चल रही है | परिवहन विभाग ने 17 एजेंसियों को पैनिक बटन लगाने का जिम्मा सौंपा है | दरअसल, प्रदेश में फिटनेस कराने से पहले यात्री वाहनों में जीपीएस व पैनिक बटन लगा होना जरूरी है, यदि पैनिक बटन हैं, लेकिन उसका रिन्युअल नहीं हुआ तो फिटनेस नहीं हो सकेगी | ऐसे में कई यात्री वाहन खड़े हो गए हैं | परिवहन विभाग के अफसरों और एजेंसियों का कहना है कि जिन वाहनों के पैनिक बटन की वैधता खत्म हो गई है, उनके रिन्युअल में तकनीकी कारणों से एक महीने का समय लग रहा है | इस मामले में वाहन संचालकों का कहना है कि पैनिक बटन रिन्युअल फीस के नाम पर एजेंसियां अवैध वसूली कर रही हैं | पैनिक बटन डिवाइस रिन्युअल की फीस 1200 रु. के साथ टैक्स लगता है, लेकिन रिन्युअल के लिए निर्धारित फीस से अधिक 5 हज़ार से 6 हज़ार रु. अवैध वसूले जा रहे हैं |

 

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प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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